Monday, April 29, 2013

ऐसे करें सिविल सर्विसेज की तैयारी



यूपीएसएसी के सिविल सर्विसेज एग्जाम का प्रिलिम्स 26 मई को होगा। पिछले कुछ सालों के दौरान इस एग्जाम में तमाम बदलाव हुए हैं। इस साल से मेन्स में भी कुछ नए नियम लागू कर दिए गए हैं। इन तमाम बदलावों के बीच कैसे करें इस प्रतिष्ठित एग्जाम की तैयारी जाने :-

यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रमुख और सम्मानित परीक्षा है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा निर्देशित नियमों के मुताबिक अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवाओं के ग्रुप क और ग्रुप ख पदों पर भर्ती के लिए यूपीएससी हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। आयोग हर साल फरवरी, मार्च में इसके लिए विज्ञापन निकालता है। मई के तीसरे या चौथे रविवार को प्री, नवंबर में मेन्स और अगले साल मार्च-अप्रैल में इंटरव्यू का आयोजन किया जाता है। फाइनल रिजल्ट मई के पहले या दूसरे हफ्ते तक घोषित कर दिया जाता है। जहां तक कुल वेकेंसी का सवाल है तो यह अमूमन 900 से 1100 के बीच होती हैं। इस साल सिविल सेवा प्री एग्जाम का आयोजन 26 मई को होना है। मेन्स एग्जाम 8 नवंबर से होंगे।

बदलाव की बात
- यूपीएससी ने इस साल यानी 2013 से सिविल सेवा परीक्षा में सुधार के लिए परीक्षा के तरीके में कुछ बदलाव किया है। इस नए फॉर्मैट में अब जनरल स्टडीज पर ज्यादा जोर दिया जाएगा।
- मेन्स एग्जाम में पहली बार जनरल स्टडीज के सिलेबस में नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और ऐप्टिट्यूड को शामिल किया गया है। डीओपीटी ने तमाम पेपर्स के अधिकतम अंकों के मामले में भी अच्छा खासा बदलाव किया है।
- सिविल सेवा मेन्स एग्जाम 2013 से जनरल स्टडीज के 250-250 अंकों के चार अनिवार्य पेपर होंगे।
- उम्मीदवार द्वारा चुने गए किसी एक ऑप्शनल सब्जेक्ट के दो पेपर भी 250-250 अंकों के होंगे।
- निबंध के पेपर को 200 से बढ़ाकर 250 कर दिया गया है।
- इंटरव्यू के 300 अंकों को घटाकर अब 275 कर दिया गया है।
- पहले जनरल स्टडीज के केवल दो अनिवार्य पेपर 300-300 अंकों के होते थे और दो ऑप्शनल सब्जेक्ट में हरेक के दो-दो पेपर 300-300 नंबर के होते थे।

शैक्षणिक योग्यता
- कैंडिडेट के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी की ग्रैजुएशन डिग्री या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
- ग्रैजुएशन के फाइनल इयर के उम्मीदवार भी प्री एग्जाम में शामिल हो सकते हैं, लेकिन जब वे मेन्स के लिए अप्लाई करेंगे तो उन्हें ग्रैजुएशन की डिग्री हासिल कर लेने का सर्टिफिकेट पेश करना होगा।

उम्र
- जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट की उम्र 21 से 30 साल के बीच होनी चाहिए।
- ओबीसी के उम्मीदवारों के मामले में अधिकतम तीन साल, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए अधिकतम पांच साल की छूट का प्रावधान है।
- उम्र की गणना के लिए विज्ञप्ति प्रकाशन वाले साल के अगस्त महीने की पहली तारीख को मानक माना जाता है।

अवसरों की संख्या
- जनरल कैटिगरी के कैंडिडेट को चार बार और ओबीसी कैंडिडेट्स को सात बार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता है।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए अवसरों का कोई प्रतिबंध नहीं है।
- यहां यह जानना भी जरूरी है कि प्री एग्जाम के किसी भी पेपर में शामिल होने को ही अवसर के रूप में गिना जाता है, सिर्फ अप्लाई करने को नहीं।

रिजर्वेशन
- इस एग्जाम में सरकार द्वारा तय तरीके से अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, ओबीसी और शारीरिक रूप से अक्षम उम्मीदवारों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है।
- अनुसूचित जातियों के लिए 15%, अनुसूचित जनजातियों के लिए 7.5% और ओबीसी के लिए 27% तक आरक्षण दिया जाता है।

सिविल सर्विसेज एग्जाम-2013 से जुड़ी जरूरी इंफर्मेशन...
26 मई को होगा सिविल सर्विसेज-2013 प्री एग्जाम
8 नवंबर से होगा सिविल सर्विसेज-2013 मेन्स एग्जाम
मार्च-अप्रैल 2014 में होगा इंटरव्यू
275 अंकों का होगा अब इंटरव्यू, पहले था 300 का
1000 से 1100 तक होती हैं कुल वैकेंसी
5 लाख के करीब भरे जाते हैं कुल फॉर्म
13 गुना (कुल वेकेंसी का) कैंडिडेट्स शामिल होते हैं मेन्स एग्जाम में
करीब 3 गुने (कुल वेकेंसी का) कैंडिडेट्स शामिल होते हैं इंटरव्यू में

एग्जाम
सिविल सेवा परीक्षा के दो चरण होते हैं:
1. मेन्स एग्जाम के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए सिविल सेवा प्री एग्जाम होता है। यह ऑब्जेक्टिव होता है।

2. प्री क्वॉलिफाई करने वाले लोगों को सिविल सेवा मेन्स एग्जाम देना होता है, जिसमें लिखित परीक्षा के अलावा इंटरव्यू भी होता है।

एग्जाम में बैठने का फैसला लेने से एक साल पहले या अगर ग्रैजुएशन कर रहे हों तो इसके फाइनल इयर से इसकी तैयारी शुरू कर दें। तैयारी शुरू करने से पहले सिलेबस, प्रश्न-पत्र, उपयोगी पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज पेपरों, किताबों और दूसरे सभी पहलुओं की सूची बनाकर सिलसिलेवार ढंग से तैयारी शुरू करनी चाहिए।

1. प्री एग्जाम

- प्री एग्जाम में ऑब्जेक्टिव टाइप के 200-200 अंकों के दो पेपर होते हैं। यह एग्जाम सिर्फ उसी साल के मेन्स एग्जाम के लिए कैंडिडेट्स की स्क्रीनिंग के लिए होता है।
- इस एग्जाम में मिले नंबरों को फाइनल मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़ा जाता।
- मेन्स एग्जाम में शामिल होने वाले योग्य कैंडिडेट्स की संख्या विज्ञप्ति में प्रकाशित कुल वेकेंसी की संख्या का लगभग 12 से 13 गुना होती है।
- यूपीएससी मेन्स एग्जाम में शामिल होने के लिए कैंडिडेट का चयन प्री में मिले नंबरों के आधार पर करता है।

रूपरेखा
- प्री में जनरल स्टडीज के पहले पेपर में 100 ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते हैं।
- दूसरे पेपर सिविल सर्विसेज ऐप्टिट्यूड टेस्ट (सीसेट) में 80 ऑब्जेक्टिव प्रश्न होते हैं।
- दोनों पेपरों के लिए 200-200 अंक निर्धारित हैं।
- हर पेपर को 2 घंटे के भीतर हल करना होता है।
- प्रश्नों के उत्तर देने के लिए ओएमआर शीट पर सही गोले को काले बॉल पेन की मदद से रंगना होता है।
- हर प्रश्न के लिए चार ऑप्शन होते हैं। गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक कट जाता है।
- सीसेट के डिसिजन मेकिंग वाले प्रश्नों में निगेटिव मार्किंग न होकर सबसे सही से लेकर कम सही तक क्रमश: अंकों में कमी आती जाती है।

तैयारी
- जहां तक तैयारी का सवाल है तो सबसे पहले उम्मीदवार को जनरल स्टडीज के विभिन्न भागों की एक सामान्य समझ विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए कक्षा 7 से लेकर 12 तक की भूगोल, इतिहास, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, विज्ञान आदि महत्वपूर्ण विषयों की टेक्स्ट बुक का अध्ययन करना चाहिए।
- जनरल स्टडीज के सिलेबस में भारत का इतिहास, भारत एवं विश्व भूगोल, भारतीय राजतंत्र और शासन, पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक विकास, पर्यावरण, पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और सामान्य विज्ञान को शामिल किया जाता है। तैयारी के लिए इन सभी विषयों या टॉपिक्स को पूरी गहनता के साथ और समसामयिक घटनाक्रम से इन्हें जोड़कर पढ़ना चाहिए।
- अगर हम पिछले सालों के पेपर्स को गंभीरता से देखें तो हम पाते हैं कि अब तथ्यात्मक प्रकृति के प्रश्नों की तुलना में ऐसे प्रश्न ज्यादा आते हैं जिनसे यह पता चल सके कि आपके कॉन्सेप्ट कितने साफ हैं और आपको विषय की कितनी गहरी समझ है। इसलिए स्टूडेंट्स को तैयारी के दौरान विषय के सभी भागों का गहन अध्ययन करना चाहिए।
- भूगोल पढ़ते वक्त मानचित्रों, इंटरनेट आदि की मदद लेनी चाहिए।
- इतिहास पढ़ते वक्त इसके सभी भागों यानी प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत का इतिहास की गंभीरता से पढ़ाई करनी चाहिए। हाल के सालों में समसामयिक घटनाक्रम को अलग से न पूछकर संबंधित विषयों की अवधारणा से जोड़कर पूछा जा रहा है। पढ़ते वक्त अर्थशास्त्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, भूगोल, राजनीतिक व्यवस्था के हालिया घटनाक्रम पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए रोजाना कुछ अच्छे न्यूजपेपर और मैग्जीन्स पढ़नी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण इंटरनेट की सहायता जरूर लेनी चाहिए।
- दूसरे भाग सीसेट के सिलेबस में कॉम्प्रिहेंशन या बोधगम्यता संचार कौशल सहित इंटरपर्सनल स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, ऐनालिटिकल एबिलिटी, सामान्य मानसिक योग्यता, बेसिक गणित, डाटा इंटरप्रटेशन और अंग्रेजी कॉम्प्रिहेंशन शामिल हैं।

सीसेट की तैयारी से जुड़े कुछ जरूरी और उपयोगी सुझाव ये हैं...
1. अंग्रेजी और हिंदी कॉम्प्रिहेंशन पर खास ध्यान देना चाहिए क्योंकि 40 से 50% प्रश्न यहीं से होते हैं।
2. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करनी चाहिए।
3. रीजनिंग, मैथ्स और मानसिक योग्यता के प्रश्नों की रोज प्रैक्टिस करनी चाहिए।
4. अगर अंग्रेजी के प्रश्न को समझने या करने में कठिनाई हो तो अपने अंग्रेजी के ज्ञान को बेहतर करने की कोशिश करें।
5. कई बार कॉम्प्रिहेंशन के प्रश्न का हिंदी में अनुवाद जटिल होने के कारण दिक्कत आती है। वैसी स्थिति में प्रश्न के अंग्रेजी में छपे भाग से मदद लेनी चाहिए।

2. मेन्स एग्जाम

यह एग्जाम का सबसे महत्वपूर्ण व निर्णायक भाग है क्योंकि कुल प्राप्तांक का 85% से ज्यादा वेटेज इसी का होता है। इस परीक्षा में प्राप्त किए गए अंकों की अधिकता न केवल इंटरव्यू का रास्ता साफ करती है, बल्कि अंतिम रूप से चयन और मेरिट में ऊपर आने में भी निर्णायक भूमिका अदा करती है। इसलिए परीक्षा में शामिल विषयों और इनके अंकों पर नजर डालना जरूरी है:

- मेन्स एग्जाम में संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से उम्मीदवार द्वारा चुनी गई कोई एक भाषा और अंग्रेजी के पेपर मैट्रिकुलेशन स्तर के होते हैं, जिनमें केवल पास होना होता है। इन पेपरों में प्राप्त अंकों को फाइनल मेरिट में नहीं जोड़ा जाता।
- मेन्स में आए नए बदलाव द्वारा आयोग ने उम्मीदवारों के बीच वैकल्पिक विषयगत विषमता को दूर करते हुए सामान्य अध्ययन के क्षेत्र को ज्यादा बढ़ा दिया है। अपने उत्तर लिखने के लिए स्टूडेंट्स को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किसी भी भाषा या अंग्रेजी में लिखने की छूट है।
- टाइम मैनेजमेंट कामयाबी की पहली कुंजी है।
- जनरल स्टडीज पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना बेहद जरूरी है।
- अप्लाई करने से पहले ही ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन और उसके पूरे सिलेबस की पढ़ाई पूरी कर लेनी चाहिए।
- अगर जनरल स्टडीज के सिलेबस के तहत शामिल विषयों से जुड़े ऑप्शनल सब्जेक्ट चुने जाएं तो तैयारी के दौरान काफी समय की बचत हो सकती है।
- उत्तर देते वक्त तय शब्द-सीमा का पालन करते हुए गैरजरूरी विस्तार से बचना चाहिए।
- मुख्य परीक्षा की तैयारी के दौरान लगने वाले समय को जनरल स्टडीज के लिए 60%, ऑप्शनल सब्जेक्ट के लिए 30% और निबंध के लिए 10% के रूप में बांटकर तैयारी करनी चाहिए।
- निबंध का अभ्यास बेहद जरूरी है। इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। कई उम्मीदवार परीक्षा भवन में ही अपना पहला निबंध लिखने के कारण इसका नुकसान उठाते हैं।
- आपके उत्तरों में मौलिकता झलकनी चाहिए। किसी कोचिंग संस्थान, किताब या किसी दूसरे स्त्रोत की पूरी नकल उतार देना सही नहीं है।
- उत्तर अगर समसामयिक घटना-क्रम से जुड़ रहा हो तो जरूर जोड़ें।
- उत्तर के महत्वपूर्ण भाग को अंडरलाइन, ग्राफ, चित्रों, मानचित्रों की मदद से पेश करना अच्छे नंबर लाने के लिए जरूरी है।
- जवाब में प्रश्न की मांग के मुताबिक उसके सभी भाग का अगर मुमकिन हो तो बिंदुवार उत्तर दें।
- ऑप्शनल सब्जेक्ट का चयन सोचसमझकर करें।

पेपर
अंक
संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से उम्मीदवार द्वारा चुनी गई कोई एक भारतीय भाषा
300
अंग्रेजी
300
निबंध
250
जनरल स्टडीज-1
(भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज)
250
जनरल स्टडीज-2
(भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज)
250
सामान्य अध्ययन-3
(प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण सुरक्षा, आपदा प्रबंधन)
250
सामान्य अध्ययन-4
(नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि)
250
ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर-1
250
ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर- 2
250
कुल योग
1750
इटरव्यू
275
टोटल
2025


3. इंटरव्यू

इंटरव्यू से पहले

परीक्षा का अंतिम पड़ाव इंटरव्यू है। मेन्स एग्जाम में कैंडिडेट द्वारा लाए गए अंकों में से आयोग द्वारा निर्धारित अंक हासिल करने वालों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। कैंडिडेट का मूल्यांकन एक बोर्ड करता है, जिसके प्रमुख यूपीएससी के मेंबर होते हैं। उनके अलावा 4 या 5 और सदस्य बोर्ड में शामिल होते हैं। इंटरव्यू की तैयारी मेन्स एग्जाम देने के 15 दिन बाद से शुरू करनी चाहिए और हर रोज इसके लिए 2 से 3 घंटे की तैयारी भरपूर होती है। तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स इस तरह हैं:

- न्यूजपेपर, पत्रिकाओं, न्यूज चैनलों को सरसरी निगाह से देखने की बजाय ध्यान लगाकर पढ़ना-सुनना चाहिए।
- चर्चा में रहे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के प्रासंगिक या ज्वलंत मुद्दों पर खास ध्यान देते हुए अपनी मित्र-मंडली से इसकी चर्चा करनी चाहिए।
- इंटरव्यू डायरी बनाकर उसके महत्वपूर्ण घटनाक्रमों, अपने बायो-डेटा से जुड़े सभी पहलुओं जैसे हॉबी, शिक्षण संस्थान आदि की पूरी जानकारी रखनी चाहिए।
- मॉक इंटरव्यू का अभ्यास करना चाहिए।
- अपने इंटरव्यू का विडियो बनाकर अपनी कमियों को जानने की कोशिश करनी चाहिए।

इंटरव्यू के दौरान
- सबसे जरूरी है, बोर्ड द्वारा पूछे गए प्रश्नों को ध्यान से सुनना। अगर ठीक से सुन या समझ न पाए हों तो सॉरी कहकर प्रश्न दुहराने का निवेदन करें।
- उत्तर देने से पहले थोड़ा ठहरें, फिर शांति से उत्तर दें। जल्दबाजी महंगी साबित हो सकती है।
- सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट्स पहले रखें।
- उत्तर देते वक्त ईमानदार बने रहें। उत्तर न मालूम हो तो विनम्रतापूर्वक बोर्ड से क्षमा मांग लें।
- उदार, छोटे व संतुलित उत्तर पर जोर दें।
- किसी भी विचारधारा, धर्म, पार्टी, भाषा, प्रजाति के प्रति तटस्थ रहने की कोशिश करें।
- बॉडी-लैंग्वेज का खासा ध्यान रखें। उत्तर देते वक्त आई-टु-आई कॉन्टैक्ट बनाए रखें।
- कमरे में प्रवेश करते वक्त या कमरा छोड़ते वक्त बोर्ड सदस्यों का अभिवादन या शुक्रिया करना जरूरी है।

अलग-अलग विषयों/व्यवसायों के स्टूडेंट्स का प्रदर्शन
यूपीएससी द्वारा प्री एग्जाम में सीसेट शामिल किए जाने के बाद इसमें काफी बदलाव आ चुका है। एक ताजा सर्वे में पिछले तीन साल के अंदर अंतिम रूप से चयनित कैंडिडेट में विषय/व्यवसाय, लिंग, क्षेत्र और माध्यम के छात्रों का प्रदर्शन इस तरह रहा है:
मानदंड
वर्ष
2011
2010
2009
इंजिनियरिंग
44%
35%
26%
मेडिकल
14%
10%
7%
कला
20%
26%
24%
महिला
22%
18%
28%
ग्रामीण
70%
57%
66%
अंग्रेजी माध्यम
90%
85%
82%



हिंदी के स्टूडेंट्स की समस्या
पिछले सालों में हिंदी के स्टूडेंट्स के अंतिम रूप से चयन होने का प्रतिशत काफी कम है। सीसेट के आने से और इसके पेपर में शामिल अंग्रेजी के 8-10 प्रश्नों, रीजनिंग, डिसिजन मेकिंग, गणित, सामान्य मानसिक योग्यता, कॉम्प्रिहेंशन के जटिल अनुवाद आदि ने प्री में ही हिंदी भाषी छात्रों की सफलता के प्रतिशत को काफी हद तक प्रभावित किया है। हिन्दी भाषी उम्मीदवार को तैयारी के पहले चरण की बाधा को दूर करने के लिए अपनी सीसेट पेपर की तैयारी पर खास ध्यान देना होगा।

कुछ महत्वपूर्ण वेबसाइट्स
1. www.pib.nic.in
2. www.wikipedia.org
3. www.bbc.com
4. www.prsindia.com
5. www.indiaenvironmentportal.org.in
6. www.thediplomat.com