आजकल तापमान में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया है। दिन का तापमान बढ़ जाता है तो रात में पारा लुढ़क जाता है। ऐसे में थोड़ी असावधानी आपकी सेहत बिगाड़ सकती है। खासकर अगर आपका शरीर कमजोर है तो ऐसी लापरवाही काफी महंगी भी साबित हो सकती है।
घर से निकलते वक्त धूप ने इस कदर उत्साहित किया कि शरीर पर गर्म कपड़ों की संख्या कम कर दी। शाम में दफ्तर से निकले तो धीरे-धीरे बढ़म् रही सर्द हवा ने ठंडक का अहसास कराया। ऐसे में थोड़ी भी लापरवाही सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। इस कारण आजकल सर्दी, जुकाम से लेकर बुखार तक की समस्याएं सामने आ रही हैं। खासकर छोटे बच्चों, वैसी महिलाएं जिन्हें एनीमिया की समस्या है, मधुमेह और टीबी के मरीज, एड्स रोगी आदि इस मौसम में काफी परेशानी महसूस करने लगते हैं।
आमतौर पर उत्तरी भारत में 26 जनवरी के बाद गर्मी की धमक पड़ने लगती है। अभी हम उसी मौसम से गुजर रहे हैं। धीरे-धीरे मौसम बदलता जाएगा, जिसमें दिन में गर्मी और रात में ठंडक रहेगी। इस मौसम में लोग कपड़े हटाने या कम करने की कोशिश करने लगते हैं। लेकिन यह कोशिश उन्हें बुखार और सांसों की बीमारी से लेकर अटैक तक का झटका दे सकती है। वैसे अभी उतना अधिक घबराने वाला मौसम तो नहीं है, लेकिन वायरल अटैक और बुखार, जुकाम का मौसम तो है ही। खासकर कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग आजकल इसकी चपेट में आ रहे हैं और हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं।
बरतें विशेष सावधानी
आजकल डॉक्टरों के पास पहुंचने वाले रोगियों में बुखार और सांस की समस्या से पीडित लोग अधिक हैं। उनमें ज्यादातर छोटे बच्चे, बुजुर्ग, कमजोर महिलाएं हैं। अगर आप मधुमेह के शिकार हैं या टीबी से पीडित हैं या एड्स की गिरफ्त में हैं, तो आप भी इस वायरल के प्रभाव में आ सकते हैं, क्योंकि इस मौसम के वायरस कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों पर अपना असर छोड़ने में सफल हो रहे हैं। अभी का बुखार आमतौर पर साफ-सफाई का थोड़ा खयाल रखने से 5-7 दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है। सावधानियां न बरती जाएं और बुखार लगातार जारी रहे तो निमोनिया या फेफड़े में संक्रमण की समस्या हो सकती है। इसके बाद तो आपको अच्छी तरह से पूरा डॉक्टरी इलाज कराना ही पड़ेगा।
खाने में बरतें सावधानी
आजकल शादी और पार्टियां खूब हो रही हैं। यानी यह मौसम बाहर खाने-पीने का भी है। वहां खाने-पीने पर पर्याप्त ध्यान नहीं देने से आप उल्टी, दस्त आदि के शिकार हो सकते हैं। यह फूड प्वायजनिंग या एनिवायसिस की समस्या के कारण होता है। छोटे बच्चे इस मौसम में पानी पीना पसंद नहीं करते। ऐसे में अगर दस्त हो जाए तो डिहाइड्रेशन की समस्या सामने आती है और बच्चे को हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है।
संक्रमण से बचना है जरूरी
यह वायरल इंफेक्शन का मौसम है। यह वायरस बस, मेट्रो आदि में तो आपका हमला कर ही सकता है, आपके घर में भी आपके ऊपर इसका हमला हो सकता है। इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी है साफ-सफाई। चाहे आप दफ्तर में रहें या घर में, बार-बार हाथ धोते रहें। बाहर से घर लौटें तो हाथ और चेहरा को अच्छी तरह धोएं। अगर आपको खांसी हो रही है तो खांसते समय मुंह पर रुमाल जरूर रखें ताकि सामने वाला संक्रमित न हो। सामने कोई दूसरा व्यक्ति खांस रहा है तो आप वहां से हट जाएं, अन्यथा आप भी उस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। जुकाम की स्थिति में नाक साफ करने के लिए अलग से रुमाल रखें और उसकी सफाई भी अलग ही करें।
आप मधुमेह से पीडित हैं तो
इस मौसम में मधुमेह से पीडित रोगियों को खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है। शुगर से परहेज करें और दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें, अन्यथा आपको अटैक पड़ सकता है। यह अटैक ब्रेन का भी हो सकता है और हार्ट का भी। इसलिए खानपान का खयाल रखें, पूरा परहेज करें और नियमित व्यायाम करें। अगर आप ड्रिंक करते हैं तो इस मौसम में उसका इस्तेमाल बिल्कुल छोड़ दें।
ग्रीन टी
अगर आपको चाय पीना पसंद नहीं तो आप ग्रीन टी का भी सेवन कर सकते हैं। ग्रीन टी आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। ग्रीन टी को बनाते वक्त आप इसमें तुलसी, छोटी इलायची आदि का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा आप ग्रीन टी बनाने के लिए चाय की हरी पत्तियों को आजमा सकते हैं। कुछ अलग स्वाद के लिए मिंट, लेमन आदि के स्वाद की पत्तियों को बाजार से खरीद सकते हैं। ये आपको कहीं भी बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी। ग्रीन टी पीने के बहुत से फायदे होते हैं। ब्लड प्रेशर और बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल, दिल की बीमारियों, कैंसर जैसी बीमारियों में रोकथाम करता है।
सर्दियों में फायदेमंद हॉट ड्रिंक्स
सर्दी की बात हो, तो ऐसे मौसम में घर से बाहर जाने का मन शायद ही किसी का करता होगा। लेकिन इस कंपकंपाती ठंड में बाहर जाना मजबूरी भी है और जरूरी भी। हर कोई चाहता है कि कुछ भी करें, लेकिन शरीर को गर्म रखें, ताकि ठंड से बचा जा सके। इस मौसम में अधिकतर लोग फ्लू, वायरल इंफेक्शन और ठंड लगने के कारण बीमार हो जाते हैं। यकीनन सर्दी में आप सभी गर्म पेय पदार्थो को पीना पसंद करते होंगे और उन गर्म पेय पदार्थो में चाय, कॉफी और सूप का नाम शामिल होता हो। लेकिन चाय, कॉफी का अधिक सेवन आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी डालते हैं। हर व्यक्ति की पसंद अलग होती है। किसी को चाय पसंद नहीं है तो किसी को कॉफी और सूप। लेकिन इन सबके अलावा भी कुछ ऐसे गर्म पेय पदार्थ हैं जो सर्दियों में आपके स्वास्थ्य और सेहत दोनों का ख्याल रखते हैं।
निसाफता
कॉफी, सूप पीना पसंद नहीं, तो सर्दियों में निसाफता आपके लिए हॉट ड्रिंक के रूप में अच्छा विकल्प है। इस ड्रिंक को बनाना बहुत आसान है। पहले बादाम को अच्छे से पीस लें। पीसे हुए बादाम को दूध में डालें और कुछ समय तक उबलने दें। अब इसमें स्वाद के लिए खसखस, काली मिर्च, मोटी इलायची और खरबूजे के बीज डालकर दूध के साथ उबालें। इसे गर्मागर्म पिएं। इसके बहुत सारे फायदे भी है। यह ड्रिंक आपको सर्दी जुकाम से बचाएगी।
काले चने और मूंग दाल का सूप
सूप में कुछ अलग आजमाना चाहते हैं, तो काले चने और मूंग दाल का सूप हेल्दी भी होता है और स्वादिष्ट भी। इन्हें पीसकर पेस्ट बना लें और जैसे सूप बनता है वैसे ही बनाएं। स्वाद के लिए काली मिर्च आदि मिलाएं। इससे अच्छा टेस्ट आएगा।
मुलैठी
मुलैठी के बारे में तो आपने सुना ही होगा। यह एक हर्ब है। बहुत गर्म होती है और इस मौसम में इसका सेवन करना फायदेमंद होता है। मुलैठी को पानी में डालकर उबाल लें। इसमें चीनी, तुलसी और इलायची को मिक्स कर लें। सर्दियों में यह गर्म पेय पदार्थ आपके शरीर को गर्म रखेगा। साथ ही खांसी, जुकाम से बचाएगा।
दही
दही का नाम सुनते ही आप हैरान हो कर यही सोचने लगे ना कि दही तो ठंडी होती है। सर्दियों में इसका सेवन कैसे कर सकते हैं। लेकिन हमारे पास इसका भी हल है। आप दही को पतला कर उसमें थोड़ी सी काली मिर्च, इलायची आदि मिलाएं और फिर इसे उबाल लें। गर्म मसाले मिलाने पर ठंडापन दूर हो जाएगा ।
दमे के रोगी एलर्जी से रहें दूर
इस बदलते मौसम में दमे के रोगियों की समस्या बढ़ जाती है। यह एक एलर्जिक बीमारी है, जिसमें सांस का रास्ता फूल जाता है और सांस मार्ग सिकुड़ जाता है। इससे सांस की तकलीफ बढ़ जाती है। ऐसे में वायु प्रदूषण, धूल, सिगरेट का धुआं, पालतू जानवरों के फर आदि नुकसानदेह साबित होते हैं। आपके बागीचे में खिले फूलों के पराग कण भी अभी आपके लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं। इसलिए आपको जिन चीजों से एलर्जी हो, उनसे दूर रहें। आपकी जो दवाएं चल रही हैं, उन्हें नियमित रूप से लें। आपके डॉक्टर ने इन्हेलर दी है तो उसे हमेशा अपने पास रखें। धूल मिट्टी वाली जगहों से बचें। अगर आपको घर में पालतू जानवरों से एलर्जी है तो इस मौसम में उससे भी बचना होगा।
आहार हो हेल्दी
इस मौसम में पौष्टिक और संतुलित आहार लें। यह आपके शरीर की जरूरत पर निर्भर करेगा। तरल पेय, सूप आदि का प्रयोग अधिक से अधिक करें। खाना को 5-6 बार में बांटकर लें और समय-समय पर पेय पदार्थ लेते रहें। अगर आपका शरीर कमजोर है तो अपने भोजन में हरी सब्जियां, फल, जूस, सूप आदि का प्रयोग ज्यादा करें।