हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहां दम था,
मेरी हड्डी भी वहीं टूटी हॉस्पिटल जहां बंद था,
मुझे जिस एम्बुलेंस में बिठाया उसका पेट्रोल खतम था,
मुझे रिक्शे से लाया गया, क्योंकि उसका किराया कम था,
मुझे डॉक्टरों ने उठाया क्योंकि नर्सों में कहां दम था,
मुझे जिस बेड पर लिटाया उसके नीचे बम था,
मुझे बम से उड़ाया गोली में कहां दम था,
और सड़क पर दफनाया क्योंकि कब्रिस्तान में जगह कम था।