Wednesday, April 24, 2013
कैसे करते हैं जानवर खुद की सफाई
तुम जब छोटे थे तो तुम्हारे पैर के नाखून से लेकर सिर तक पूरे शरीर की सफाई मम्मी-पाप करते थे। कुछ कामों में तो वे आज भी तुम्हारी मदद करते हैं। जानवर भी अपने शरीर की सफाई करते हैं। जानते हो कैसे, बता रही हैं पूनम जैन
बिल्ली: कहते हैं कि बिल्ली को अपना गंदा होना पसंद नहीं, इसलिए वह दिन में कई बार खुद को अपनी जीभ से चाटकर साफ करती रहती है। यहां तक कि अपने पंजों के निचले हिस्से को भी वह चाटकर साफ करती है। शरीर को चाट- चाटकर वह अपनी त्वचा के तेल को पूरे शरीर पर मालिश करते हुए फैला लेती है। इतना ही नहीं, पॉटी करने के बाद भी वह उस हिस्से की सफाई जरूर करती है। रेत या मिट्टी को अपने पैर से खोदकर पहले वह एक गड्ढा बनाती है, उसमें पॉटी करने के बाद उसे मिट्टी से ढक देती है। कुछ देर जमीन के बल बैठकर आगे की ओर सरकती है।
कुत्ता: कुत्ते को बिल्ली जितना साफ रहने का शौक नहीं होता, पर वह भी खुद को साफ रखने की पूरी कोशिश करता है। वह बिल्ली की तुलना में कम लचीला होता है, इसलिए अपने पूरे शरीर को वह खुद से साफ नहीं कर पाता। वह भी खुद को साफ करने के लिए जीभ का सहारा लेता है, पर यह तरीका उसके लिए खुद को संक्रमण या खारिश से मुक्त रखने का भी होता है। शरीर के निचले भाग को वह बिल्ली की तरह जमीन पर बैठकर आगे की ओर सरकते हुए साफ करता है। जिन घरों में एक से अधिक डॉगी हैं, वे जानते हैं कि कुत्ते सफाई में एक-दूसरे की मदद करते हैं। मसलन, खाना खाते ही बड़ा डॉगी बेबी डॉगी के मुंह को चाटकर साफ कर देता है। इसी तरह वे एक-दूसरे के दांत भी साफ करते हैं।
पक्षी:आसमान में उड़ने वाले पक्षी अपने पंखों पर से धूल-मिट्टी और कीटाणु हटाने के लिए धूल में स्नान करते हैं। कुछ देर रेत में हिलने-डुलने के बाद वे अपने पंखों को हिलाते हुए धूल झाड़ते हैं। वे अपने पंखों को अपनी चोंच से भी साफ करते हैं।
खरगोश: खरगोश अपनी व एक दूसरे की सफाई अपनी जीभ से करते हैं। वे समय-समय पर अपने बालों को चाटते रहते हैं। वहीं ऐसी जगह जहां उनकी जीभ नहीं जाती, जैसे कि माथा, उसकी सफाई के लिए पहले वे अपने आगे के पैर के पंजों को चाटते हैं और फिर उस पंजे को कपड़े की तरह इस्तेमाल करते हुए अपना माथा साफ करते हैं। कई बार इसी तरह वे अपने कान भी साफ करते हैं, पर कई बार वे कानों को थोड़ा नीचे की ओर ले जाते हैं, जिससे जीभ से भी वे उनकी सफाई कर पाते हैं। पैरों के पंजों के नाखून से वे कानों के भीतर जमी हुई गंदगी को भी हटा लेते हैं। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि वे कानों में से निकले ईयरवैक्स, जिसे हम मैल कह देते हैं, उसे खा लेते हैं। उनके लिए यह विटामिन डी का काम करता है।
हाथी: हाथी, गेड़ा व अन्य स्तनपायी जानवर मिट्टी और कीचड़ में लिपटकर स्नान करते हैं। उसके बाद उस मिट्टी को झाड़ने पर या जब वह सूखने के बाद झड़ने वाली मिट्टी के साथ उनके शरीर से बेजान त्वचा यानी डेड स्किन भी उतर जाती है। जो जानवर पानी में खड़े हो सकते हैं, वे साफ पानी से भी स्नान करते हैं। इस संबंध में सबसे अधिक फायदा हाथी को होता है। वह सूंड के जरिए अपने पूरे शरीर पर पानी छिड़क लेता है।
साफ हो तो सुंदर हो
तुम्हें पता है, स्वस्थ तन-मन के लिए सफाई बेहद जरूरी है। कहा जाता है कि स्वच्छता में ईश्वर का वास होता है। डॉक्टरों का भी कहना है कि सफाई का खास ध्यान रखना जरूरी है। इसीलिए अपने शरीर, घर और वातावरण के साथ खान-पान में भी सफाई बहुत जरूरी है। सफाई के फायदों के बारे में बता रहे हैं प्रसन्न प्रांजल
सफाई से मन भी रहेगा सुंदर
अंग्रेजी में एक कहावत है, हेल्दी पीपुल मेक हेल्दी नेशन, मतलब स्वस्थ इंसान ही बेहतर राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरूरी है सफाई। अगर सफाई नहीं होगी तो गंदगी की वजह से कई सारी बीमारियां फैलेंगी और बीमारियां होने पर इंसान स्वस्थ हो ही नहीं सकता। इसलिए यह बात हमेशा याद रखो कि देश के निर्माण के लिए सफाई बेहद महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस
कल राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस है। तुम्हें पता है, भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के सभी शहरों में सार्वजनिक जगहों पर सफाई अभियान का आयोजन किया जाता है। सड़क, गली-मुहल्ले, सरकारी दफ्तर, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, पार्क, गंदी नालियों, सीवेज, कचरा घर आदि की विशेष रूप से सफाई की जाती है। वैसे तो पूरे साल लोग अपने घर, गली-मुहल्ले और सार्वजनिक स्थानों को साफ रखने का प्रयास करते हैं, लेकिन इस दिन खासतौर पर सभी लोग मिलकर इकट्ठे होकर सफाई अभियान को करते हैं।
अन्य देशों में भी
ऐसा नहीं है कि सिर्फ अपने देश भारत में ही स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। विश्व के अन्य देशों में भी स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। यूक्रेन, अमरीका, ब्रिटेन, पाकिस्तान आदि कई देशों में स्वच्छता दिवस मनाया जाता है। सभी देशों में अलग-अलग तारीखों को इसका आयोजन किया जाता है।
क्यूं जरूरी है सफाई
अगर तुमसे कोई यह पूछे कि तुम्हें गंदगी पसंद है, तो तुम कैसे अपना मुंह बनाकर कहते हो..नो! जब तुम कचराघर या किसी गंदगी वाले इलाके से निकलते हो तो तुम्हारा मूड कितना खराब हो जाता है। इन सबसे बचने कि लिए सफाई बेहद जरूरी है। जहां सफाई होती है, वहां पर बीमारियां कम पनपती हैं। लोग बहुत कम बीमार होते हैं। हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहते हैं। स्वस्थ तन-मन के लिए सफाई बेहद जरूरी है।
खान-पान में सफाई
तुम अक्सर देखते होगे कि मम्मा खाना बनाने से पहले कितनी साफ-सफाई करती हैं। सबसे पहले किचन को साफ करना, फिर बर्तनों को साफ करना और उसके बाद खाने के सभी सामानों को अच्छे से साफ करके बनाना। तुम्हें पता है, ऐसा क्यों किया जाता है, नहीं पता है? चलो हम बताते हैं। हमारे शरीर के लिए खाना बेहद जरूरी है। खाने से ही हमें ताकत मिलती है और हम हेल्दी रहते हैं। हरी सब्जियों, फल और अन्य खाद्य पदार्थ जैसे कि चावल-दाल आदि पर कई तरह की गंदगी और बैक्टीरिया होते हैं। अगर इन्हें बगैर साफ किए पका दिया जाए और उसे खा लिया जाए तो ये सारी गंदगी और बैक्टीरिया हमारे शरीर के अन्दर चले जाएंगे और शरीर में बीमारियों का घर बना लेंगे। इसी वजह से इन्हें साफ करके बनाया जाता है। आगे से ध्यान रखना, तुम जब भी कोई फल खाओ तो साफ करके ही खाना।
शारीरिक सफाई
स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक सफाई बहुत आवश्यक है। शारीरिक सफाई के बगैर स्वस्थ रहने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता। अब तुम यह सोच रहे हो कि शारीरिक सफाई में क्या-क्या आएगा? तुम जान लो कि शारीरिक सफाई में हमारे शरीर के सभी भागों की सफाई शामिल है। नहाना, हाथ धोना, नाक-कान की सफाई, बाल धोना आदि। शरीर के हरेक अंग की अच्छे से सफाई करने पर ही तुम स्वस्थ रहोगे। अगर तुम नियमित रूप से नहीं नहाओगे तो शरीर में खुजली होने लगेगी, इन्फेक्शन हो सकता है और तुम कई दिनों तक बीमार रह सकते हो। बाल धोना भी बेहद जरूरी है। अगर बालों की सफाई नहीं करोगे तो बालों में डेंड्रफ हो जाएगी।़ नाक-कान और आंखों की सफाई नहीं करने से भी समस्या होने लगती है। तुम जानते हो, जब तुम खेलते हो या कोई और काम करते हो तो तुम्हारे हाथों के संपर्क में ढेर सारे हानिकारक बैक्टीरिया आ जाते हैं। ऐसे में अगर तुम बगैर हाथ धोए खाना खाओगे तो तुम्हारे अंदर ये सारे बैक्टीरिया चले जाएंगे और बीमार कर देंगे।
कमरे की सफाई
तुम अक्सर अपने कमरे में सभी सामानों को इधर-उधर फैला कर रखते हो। किताबें, बैग, वीडियो गेम्स सब कुछ इधर-उधर बिखरा पड़ा रहता है। मम्मी के बार-बार कहने के बावजूद तुम उसे साफ नहीं रखते। यह बिल्कुल गलत आदत है। ऐसा करके तुम अपने कमरे में गंदगी फैला रहे हो और तुम्हें पता है, गंदगी हमारे लिए अच्छी चीज नहीं है। इसलिए अब से तुम अपने कमरे को साफ-सुथरा रखना। सभी सामानों को सलीके से उसकी जगह पर रखना। अगर तुम्हारा कमरा साफ रहेगा तो तुम्हारा पढ़ने में भी मन लगेगा और तुम मन लगाकर अच्छे से पढ़ाई कर पाओगे और स्कूल में टॉपर बनोगे। इतना ही नहीं, तुम्हारा कमरा साफ रहेगा तो मम्मी भी खुश होंगी और बाकी लोग भी तुम्हें शाबाशी देंगे।
वातावरण की सफाई
तुम जहां पर रहते हो, उसके आस-पास की सफाई भी बेहद जरूरी है। अगर वातावरण में गंदगी होती है तो बीमारियां काफी तेजी से फैलती हैं। फिर एक बात और है, गंदगी वाले इलाके में कोई आना भी नहीं चाहता। तुम चाहोगे कि तुम्हारे दोस्त तुम्हारे घर पर नहीं आएं? लोग तुम्हारे इलाके की बुराई करें? नहीं ना। तो इसके लिए तुम अपने इलाके की सफाई का ध्यान रखो। लोगों को इसके लिए जागरूक करो। कूड़े को कूड़ाघर में ही डालो। अगर गंदगी हो तो उसे मिलकर साफ कर लो या पापा से बोलकर उसकी सफाई करवाओ। घर के पास के पार्क, स्कूल और अन्य सभी पब्लिक प्लेस पर सफाई का ध्यान रखो। अगर संभव हो तो तुम बच्चा पार्टी बना लो और सभी बच्चे मिलकर सप्ताह में कम से कम एक बार अपने इलाके की अच्छे से सफाई करो।
पेट्स की सफाई भी जरूरी
हम जानते हैं कि तुम्हें पालतू जानवरों से काफी प्यार है और तुम्हारे घर में भी कई पालतू जानवर हैं, जिनके साथ तुम्हारा काफी समय बीतता है। तुम्हें पता है, पेट्स भी काफी गंदगी फैलाते हैं और उससे कई तरह की बीमारियां होती है। तुम पेट्स के साथ समय बिताओ, लेकिन कुछ बातों का खास ख्याल जरूर रखो, जैसे कि पेट्स को हर दिन अच्छे से नहलाओ। जहां पर उसे रखते हो, उस जगह की साफ-सफाई रखो। साथ ही पेट्स के साथ खेलने के बाद अपने हाथों को अच्छे तरीके से हैंडवॉश या साबुन से साफ करो।
इनका ध्यान रखना
घर में या घर के बाहर कभी भी कूड़ा-कचरा इधर-उधर न फेंको।
बिस्किट या चॉकलेट के रैपर को अपने बैग में रखने की बजाय डस्टबीन में डालो।
ट्रेन या बस में सफर करते वक्त मूंगफली खाकर उसके छिलकों को ट्रेन या बस में न गिरने दो।
गंदगी से होने वाली बीमारियां
हैजा
टाइफाइड
पीलिया
बुखार
खुजली
इन्फेक्शन
एलर्जी
अस्थमा
खुद की सफाई के तरीके
टिश्यू पेपर रखें अपने पास
छींक, खांसी या नाक साफ करने के लिए हमेशा टिश्यू पेपर या रूमाल का इस्तेमाल करें।
उसके बाद उस टिश्यू पेपर को डस्टबीन में डालना न भूलें।
जर्म्स बहुत तेजी से फैलते हैं। कहते हैं कि एक छींक में मौजूद कीटाणु बड़ी तेज रफ्तार से फैलते हैं। वह फैलें नहीं, इसके लिए टिश्यू पेपर का इस्तेमाल जरूर करें और इस्तेमाल के तुरंत बाद उसे डस्टबीन में डालें। अपने रूमाल को किसी अन्य को इस्तेमाल न करने दें। यदि संभव हो तो उसे एंटी-सेप्टिक लिक्विड में धुलवाएं।
अपने हाथ जरूर धोने चाहिए
खाने से पहले
बाथरूम इस्तेमाल करने के बाद
छींक, खांसी या नाक साफ करने के बाद
पालतू पशुओं के साथ खेलने के बाद
बाहर से खेलकर आने के बाद
फल व सब्जियों को छूने से पहले
थायरॉइड भी बन सकता है दिल की बीमारियों का कारण
आम तौर पर लोग थायरॉइड की समस्या को गंभीरता से नहीं लेते लेकिन इसके कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल और लिपोप्रोटीन का स्तर अनियमित हो जाता है जिससे दिल की बीमारियां, हार्ट अटैक, अवसाद और आर्थरोस्क्लेरोसिस की आशंका बढ़ जाती है।
इंडियन मेडिकल असोसिएशन के संयुक्त सचिव डॉ. रवि मलिक ने बताया गले में पाए जाने वाली अंत:स्त्रावी ग्रंथि थायरॉइड से निकलने वाला हार्मोन थायरॉक्सिन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। किसी कारण यह हार्मोन कम या ज्यादा प्रड्यूस होने लग जाए तो थायरॉइड की समस्या हो जाती है। थायरॉक्सिन का उत्पादन कम होने पर व्यक्ति को हाइपोथायरॉइड और उत्पादन अधिक होने पर हाइपरथायरॉइड की समस्या हो जाती है।
उन्होंने बताया आम तौर पर लोगों को हाइपोथायरॉइड की समस्या होती है। दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है लेकिन इसका समय रहते पता चलना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वरना यह बीमारी खतरनाक हो सकती है। जिन बच्चों को हाइपोथायरॉइड की समस्या होती है उनका मानसिक विकास बाधित होने की आशंका अधिक होती है क्योंकि थायरॉक्सिन हार्मोन दिमाग के विकास के लिए बहुत जरूरी है।
इंडियन थायरॉइड सोसायटी के अध्यक्ष व कोच्चि स्थित अमृता इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर में एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. आर वी जयकुमार ने बताया यह कड़वा सच है कि हाइपोथायरॉइड के चलते कोलेस्ट्रॉल और लिपोप्रोटीन का लेवल अनियमित हो जाता है और करीब 90 फीसदी मरीज डिस्लिपीडीमिया के शिकार हो जाते हैं।
क्या करें अगर अपर पार्ट हो हैवी
हैवी बस्ट की वजह से अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि क्या स्टाइल कैरी करना ठीक रहेगा, तो इन टिप्स की हेल्प से अपनी स्टेटमेंट क्रिएट कर सकती हैं :
परफेक्ट बॉडी शेप हर लड़की का सपना है, लेकिन ऐसी बॉडी हर किसी को नहीं मिलती। किसी की कमर पर फ्लैब है, तो किसी के हिप्स हैवी हैं। वैसे, अगर आप हैवी बस्ट्स की वजह से स्टाइलिश ड्रेसेज नहीं पहन पा रही हैं, तो आउटफिट्स कैरी करने में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपनी यह परेशानी दूर कर सकती हैं।
लेंथ पर करें फोकस
यहां हम आपकी हाइट नहीं, बल्कि आपकी गर्दन की बात कर रहे हैं। अगर आप इसके लंबी होने का लुक क्रिएट कर सकती हैं, तो इससे फोकस आपकी चेस्ट से हट जाएगा। ऐसा लुक क्रिएट करने के लिए स्क्वेयर नेकलाइन बेस्ट है, क्योंकि इससे गर्दन की त्वचा नजर आती है और लुक को बैलेंस कर लेती है।
स्क्वेयर के अलावा आप वी-नेक्स, स्कूप नेक्स और राउंड नेक्स पहन सकती हैं। स्कूप नेक्स खासतौर पर आप पर अच्छी लगेंगी, क्योंकि ये कर्व्स को अच्छे से उभारती हैं। जबकि राउंड नेक्स तो हर बॉडी टाइप पर सूट करती हैं, वहीं वी-नेक से आपका अपर बॉडी पार्ट लंबा नजर आता है, जो बस्ट साइज को बैलंस कर देता है।
इनसे बचें
अपनी ड्रेसेज में हाई कॉलर्स वाले पैटर्न शामिल ना करें। यानी चाइनीज या मैंडेरिन स्टाइल के बारे में तो सोचे ही नहीं। इसके अलावा, बोट नेक्स, हॉल्टर नेक्स, पोलो और टर्टल नेक्स भी अवॉइड करें, क्योंकि इनसे आपके एसेट्स पर फोकस शिफ्ट हो जाएगा। हालांकि अगर आपको हाई नेक्स बहुत पसंद हैं, तो एक्सपर्ट्स आपको ओपन कॉलर्स कैरी करने की सलाह देते हैं।
यानी आप बटन वाली हाई नेक कुर्ती पहन सकती हैं और ऐसे में ऊपर के 2-3 बटन खुले रखें। इसके अलावा, स्ट्रेचेबल और लायक्रा जैसे फैब्रिक की ड्रेसेज अवॉइड करें।
कैसी हों स्लीव्स
बस्ट हैवी हैं, तो स्लीवलेस ड्रेसेज से तौबा कर लें। बेहतर होगा कि आप थ्री-क्वार्टर स्लीव्स पहनें, क्योंकि यह चेस्ट एरिया पर अटेंशन नहीं जाने देगा। एक्सपर्ट्स आपके लिए सेमी फॉर्मल लुक वाली ओपन कॉलर पैटर्न की शर्ट्स सजेस्ट करते हैं। स्पैगेटी टॉप्स पर फ्लोरल डिजाइंस या ज्यॉमेट्रिक पैटर्न वाली शिफॉन शर्ट्स भी आप पर खूब फबेंगी।
इनरवियर चुनें ध्यान से
आपकी ड्रेस आप पर कितनी अच्छी लगेगी, यह डिपेंड करता है कि आपने कितनी अच्छी फिटिंग की ब्रा पहनी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हैवी बस्ट वाली गर्ल्स के लिए अच्छे होल्ड वाली ब्रा चुनना जरूरी है। ऐसे में मिनिमाइजर ब्रा, जो आपके बस्ट साइज को छोटा दिखाएगी, स्मार्ट चॉइस रहेगी।
वेस्टलाइन की बात
एम्पायर वेस्टलाइन, जहां फैब्रिक बस्ट एरिया से लूज फिटिंग वाला हो, आपके लिए बढि़या रहेंगी। साथ ही, रैप ओवर टॉप और पफ स्लीव पैटर्न भी अच्छा लगेगा। इसके अलावा, आप बड़े प्रिंट्स, नेक डिटेलिंग और बोल्ड कलर्स कैरी करना भी अवॉइड करें। इसकी बजाय छोटे प्रिंट्स और सॉफ्ट कलर्स को प्रिफरेंस दें। स्टाइल में एक्स फैक्टर डालना चाहें, तो अट्रैक्टिव नेकपीस का अपना कलेक्शन बना लें।
राइट चॉइस
- स्क्वेयर और राउंड नेकलाइन।
- छोटे प्रिंट्स और सॉफ्ट कलर्स।
- सही होल्ड वाली ब्रा।
- ओपन कॉलर्स।
- थ्री-क्वार्टर स्लीव्स।
अवॉइड इट
- पोलो और टर्टल नेक्स।
- स्लीवलेस ड्रेसेज।
- नेक डिटेलिंग।
- स्ट्रेच होने वाले फैब्रिक्स।
- बड़े प्रिंट्स और बोल्ड कलर्स।
ये फैशन है, तो एसेमेट्रिकिल ट्रेंड तो चलेगा ही
एसेमेट्रिकल ड्रेसेज में इन दिनों सबसे ज्यादा पसंद की जा रही हैं फ्रंट साइड से ऊंची और बैक साइड से लॉन्ग ड्रेसेज। स्मार्ट और एक्टिव चाहिए, तो अब इनकी शॉपिंग हो ही जाए :
इन दिनों ट्रेंड है एसेमेट्रिकल हेमलाइन ड्रेसेज का। सिलेब्रिटीज, फैशन ब्लॉगर्स और स्टाइल दीवाज, सभी इसकी फेवर में हैं और स्टाइलिश लेडीज भी इस ट्रेंड को फॉलो करना चाहती हैं। स्मार्ट और एक्टिव लुक देने वाली इन डे्रेसेज में कई तरह के डिजाइंस छाए हुए हैं।
डिजाइनर रीना श्रीवास्तव की मानें, तो इंटरनैशनल रनवे पर ये डे्रसेज तेजी से पकड़ बना रही हैं। इन दिनों तमाम इंटरनैशनल अवॉर्ड्स में इस तरह की हेमलाइन की ड्रेसेज छाई हुई हैं। अगर आप भी चाहती हैं कोई फ्रेश लुक पाना, तो इन ड्रेसेज से एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं।
स्टाइल में वैराइटी
ये ड्रेसेज आगे से नी-लेंथ तक होती हैं और बैक में लॉन्ग गाउन का लुक आता है। इसे स्कर्ट, वनपीस और गाउन में अजमाया जा सकता है। वैसे, इसमें दूसरे भी कई स्टाइल ट्राई किए जा सकते हैं। आमतौर पर ये ड्रेसेज कमर तक फिटेड और नीचे से लूज होती है। लोअर साइड से फ्लोई पैटर्न इनमें ज्यादा देखने को मिलता है। कुछ ऐसी जिसमें आपको बेहद कम्फर्टेबल फील हो और आराम से मूव कर सकें।
- फ्लोई पैटर्न
डिजाइनर जोड़ी निकेत और जैनी का मानना है कि फ्लैपर फैशन इस समय ट्रेंड में है। इसलिए एसेमेस्ट्रिकल हेमलाइन ड्रेसेज इस समय खूब छाई हुई हैं। इन ड्रेेसेज पर फेदर, क्रिस्टल और पर्ल का यूज खूब किया जा रहा है। ग्लिट्ज और शिमर्स भी खास मौकों पर पहनी जाने वाली ड्रेसेज में खूब यूज किया जा रहा है।
तीन का मिक्सचर
इसमें आपको तीन ट्रेंड्स का मेल मिलेगा। एसेमेट्रिकल हेमलाइन, ड्रेस से मिलती जुलती लेस और कलर, तीनों का कॉम्बिनेशन ड्रेस को डिफरेंट बना देता है।
कलर का कॉम्बिनेशन
दो कलर्स का कॉम्बिनेशन भी आप इसमें ट्राई कर सकती हैं। वेस्ट तक एक कलर और उससे नीचे से दूसरा कलर, दो कलर्स मिलकर एक डिफरेंट लुक देते हैं। इसमें ऐसा फील होता है मानो ऊपर जैकेट पहना हो, लेकिन यह होता ऊपर से नीचे तक एक ही है। हां, इसके साथ मिलने वाले फुटवियर मेंं आप दोनों कलर पा सकती हैं।
क्रिस - क्रॉस डिजाइन
इसमें अपर पार्ट में क्रिस क्रॉस डिजाइन का यूज किया जाता है। इसमें कलर और प्रिंट का मिक्सचर इस तरह किया जाता है कि खासा अट्रैक्टिव लगता है।
क्लासी और एलिगंेट
ड्रेस को आप क्लासी और एलिगेंट बना सकती हैं , अगर आप इसे लवली ब्लेजर के साथ पेयर करें।
सेक्सी लुक
लग्जरी लुक वाली यह सेक्सी ड्रेस भी है। अगर आपकी लेग्स परफेक्ट शेप में हैं , तो आप बेहद अट्रैक्टिव नजर आएंगी।
ब्राइट का जलवा
ये ड्रेसेज ब्राइट कलर्स में खूब पसंद की जा रही है। ब्लू , यलो , रेड , ऑरेंज वगैरह खूब ट्रेंड में हैं। हालांकि इन दिनों सीजन को देखते हुए न्यूट्रल शेड्स भी पसंद किए जा रहे हैं , लेकिन इन्हें बोल्ड प्रिंट्स और रिच वर्क का अच्छा साथ मिला है। हालांकि कट्स में वॉल्यूम पर ज्यादा जोर देखने को नहीं मिल रहा है। हिप से नीचे ड्रेसेज में प्लीट्स व गैदरिंग भी काफी नजर आ रही है।
एक्सपर्ट्स स्पीक्स
आसानी से ट्रेंडी व ग्लैम लुक पाने में ये ड्रेसेज आपके बेहद काम आएंगी। डिजाइनर रीना कहती हैं , ' इसमें प्लेन से लेकर बड़े - बड़े फ्लावर प्रिंट और सॉफ्ट फैब्रिक्स ट्रेंड में हैं। लेयरिंग भी इसमें पसंद की जा रही हैं। वैसे तो इन दिनों इसका टच आपको हर तरह की ड्रेस में देखने को मिलेगा लेकिन खासतौर पर वनपसी , मैक्सी गाउन , लॉन्ग गाउन में यह डिजाइन ज्यादा अच्छा लगता है। '
वहीं जैनी का भी कुछ ऐसा ही मानना है। वह कहती हैं , ' इसमें बोल्ड व प्रिंट्स के ऑप्शन पर जाएं। खासतौर पर रिसेप्शन , कॉकटेल या मैरिज गाउन के तौर पर यह ड्रेस अट्रैक्टिव लगती है। '
क्रिएटिविटी का क्रेज
रीना कहती हैं कि इन ड्रेसेज मंे क्रिएटिविटी की खासी गुंजाइश रहती हैं। हालांकि इनमें कट्स को उभारने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ती है। इसके बावजूद , इनका क्रेज बहुत ज्यादा है , क्योंकि ये ड्रेसेज बहुत नोटिसेबिल होती हैं। ये आपको दूसरों से अलग दिखाती हैं। इसलिए किसी भी अकेजन पर इनको बखूबी कैरी किया जा सकता है।
फैशनेबल फाइव
क्या पहनें कि सबसे स्टाइलिश नजर आएं? कंफ्यूजन इस बात का है, तो यहां बताए गए पांच ट्रेंड्स के बारे में जानें। दरअसल, इनको कैरी करना बहुत आसान है और इनके साथ कोई रिस्क भी नहीं जुड़ा है :
पीटर पैन कॉलर
हालांकि इस कॉलर का नाम एक मेल करैक्टर पर बेस्ड है, लेकिन फीमेल फैशन में यह स्टाइल ट्रेंडी है। लेस से लेकर लेदर तक में हर फैब्रिक के साथ इसे ट्राई किया जा सकता है। बस आपको यह पता लगाना है कि आप पर कैसा स्टाइल सूट करता है। फिर क्या, इसके साथ आप एक प्लेन टी-शर्ट को भी हैप बना देंगी।
पेपलम
हालांकि इस ट्रेंड के साथ बहुत ज्यादा गर्ल्स एक्सपेरिमेंट नहीं कर रही हैं, लेकिन इसे काफी तरीके से ट्राई किया जा सकता है। खास बात यह है कि इससे आपकी टमी का फैट छिप जाता है और बॉडी कर्वेशियस दिखती है। अगर किसी आउटिंग के लिए बिना वर्कआउट किए सेक्सी अपील चाहिए, तो इस ट्रेंड को फॉलो करें।
लोफर्स
इस बात को दिमाग से बिल्कुल निकाल दें कि लोफर्स को आपके पापा या दादा ही पहन सकते हैं। बेसिक फ्लैट फुटवियर्स को यह पैटर्न फ्रेश अप्रोच देता है। हॉट शार्ट्स या फिर चिक पैंट्स के साथ कैजुअल अपीयरेंस वाले ये फुटवियर्स स्टाइलिश दिखते हैं। इन दिनों आप इनको डिफरेंट पैटर्न, फिनिशिंग और कलर में ले सकती हैं।
स्टेटमेंट पैंट्स
अपने लिए प्रिंटेड, मेटलिक, कलर-ब्लॉक्ड, स्ट्राइप्स वाली या फिर एंबेलिश्ड पेयर लें। दरअसल, पैंट्स हर स्टाइल में हॉट स्टेटमेंट बना रही हैं। अगर आप अपने बॉडी टाइप के हिसाब से पैंट्स चुनना जानती हैं, तो इससे बेहतर सेक्सी लुक किसी और आउटफिट से नहीं मिलेगा। फिर लोअर बॉडी की ओर अटेंशन खींचने के लिए भी यह परफेक्ट चॉइस है। फिलहाल ट्रेंड मेटलिक, स्ट्रिप्ड और फ्लोरल प्रिंट्स वाली पैंट्स का है।
ग्लव्स
किसी भी आउटफिट को बढि़या फिनिश देने के लिए ग्लव्स बेस्ट ऑप्शन हैं। लेदर, स्यूड, फर, बो डिटेल्स, लेस, फ्रिल्स के अलावा ग्लव्स की और भी वैराइटी मौजूद है। इसे हर एज ग्रुप में पहना जा सकता है। बस अपने आउटफिट और स्टाइल के हिसाब से इसे चूज करें।
राष्ट्रीय रेल संग्रहालय
राष्ट्रीय रेल संग्रहालय दिल्ली के चाणक्यपुरी इलाके में स्थित है। यह भारतीय रेल के 140 साल के इतिहास की झलक प्रस्तुत करता है। विभिन्न प्रकार के रेल इंजनों को देखने के लिए देश भर से लाखों पर्यटक यहां आते हैं। यहां पर रेल इंजनों के अनेक मॉडल और कोच हैं, जिसमें भारत की पहली रेल का मॉडल और इंजन भी शामिल है। इसका निर्माण ब्रिटिश वास्तुकार एम. जी. सेटो ने 1957 में किया था। 10 एकड़ में फैले इस संग्रहालय में एक टॉय रेल भी है जहां सैर का आनंद लिया जा सकता है। इसके अलावा यहां रेस्टोरेंट भी है। यहां भारत की दुर्लभ पुरानी रेलगाड़ियां संग्रहित हैं। सूचनापरक आंतरिक संग्रहालय में पुरानी 26 चलायमान गाड़ियां, 17 अनूठे मालवाहक डिब्बे एवं कई सैलून हैं। यहां बच्चों के लिए एक छोटी खिलौना रेल भी चलती है, जो बच्चों को संग्रहालय में घुमाती है।
आगरा रेल मंडल पर एक नजर
भारतीय रेल में आगरा मंडल भी है, जो अपनी एकअलग पहचान बनाए हुए है।
आगरा का पहला स्टेशन यमुना ब्रिज है, जिसकी शुरुआत एक अप्रैल 1862 को हुई थी। एक अप्रैल 2003 को आगरा रेल मंडल बना था।
यह रेलवे के 16 जोन में से एक उत्तर मध्य रेलवे में आता है। वर्तमान में यहां 561.44 किलोमीटर ब्राडगेज तथा 46.48 किलोमीटर गेज लाइनें हैं।
यहां से प्रतिदिन 180 सवारी गाड़ियां तथा 250 मालगाड़ियों का संचालन होता है।
आगरा रेल मंडल में 71 स्टेशन हैं, सन् 1872 में आगरा फोर्ट स्टेशन का निर्माण हुआ था। 1873 में ईदगाह स्टेशन बनाया गया, जो वर्तमान में ईदगाह जंक्शन के नाम से जाना जाता है।
आगरा कैंट स्टेशन का निर्माण 15 अप्रैल 1884 को हुआ। सन् 1876 में यमुना पुल का निर्माण किया गया। एक जनवरी 1908 को आगरा सिटी स्टेशन की शुरुआत हुई।
आगरा से वाया मथुरा होकर दिल्ली जाने वाली पहली रेल लाइन 15 अप्रैल सन् 1905 तथा 10 जनवरी सन् 1907 को बेलनगंज ब्रांच से आगरा-दिल्ली प्रारम्भ की गई।
आगरा के स्ट्रेची पुल नं 167 जो कि यमुना नदी पर आगरा सिटी और यमुना
ब्रिज स्टेशन के मध्य स्थित है, जिसका निर्माण आठ जनवरी 1908 में किया गया। इस पुल की लंबाई 446.84 मीटर तथा चौड़ाई 6.1 मीटर है। वहीं 1911 में बेलनगंज के नए यमुना पुल का निर्माण किया गया। आगरा में सन् 1984 को रेल विद्युतीकरण किया गया, जो कि यहां के लिए गौरव वाली बात है।
शाही ठाटबाट से सजी रेलगाड़ियां
आज भारतीय रेल दुनिया में सबसे बड़ी और व्यस्ततम रेल नेटवर्कों में से एक है, क्योंकि प्रति दिन एक करोड़ 80 लाख से अधिक लोग रेल से यात्रा करते हैं और 20 लाख टन से अधिक माल की ट्रेनों द्वारा ढुलाई होती है। यह पूरे देश को आपस में जोड़ती हैं यानी 64,000 किलोमीटर से अधिक के विशालकाय मार्गों पर दौड़ती हैं।
ट्रेनों में भी आधुनिकता हावी होती गई है।
सैर सपाटे के लिए शाही ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया। एक से बढ़कर एक शाही ट्रेन पर्यटन से जुड़े शहरों को नापने लगी। इन ट्रेनों की सजावट देखकर लगता है जैसे राजमहल पटरियों पर दौड़ रहा हो। लक्जरी ट्रेनों से भारत भ्रमण काफी लोकप्रिय होता जा रहा है। यह देशभर में भ्रमण करने का सर्वोत्तम आरामदेह तरीका है। ये लक्जरी ट्रेनें आराम की हर सुविधा उपलब्ध कराती हैं और भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों के परिभ्रमण में पर्यटकों को शानो शौकत का एहसास कराती हैं।
महाराजा एक्सप्रेस सेवा मार्च, 2010 में शुरू हुई थी। इस ट्रेन में चढ़ते ही एक अनोखी अनुभूति का एहसास होता है। यह ट्रेन रात के दौरान चलती है, ताकि दिन के समय लोग पर्यटन स्थल घूम सकें। इस ट्रेन में कुल 23 डिब्बे हैं।
इसमें पांच डीलक्स कोच, छह जूनियर सुइट कोच, दो सुइट कोच और एक प्रेसिडेंसियल सुइट कोच है। ट्रेन में दो रेस्तरां, एक बार, एक आब्जरवेशन लॉज है। इस लॉज में बार, गेम टेबल आदि जैसी सुविधाएं हैं। ट्रेन के अन्य अनोखे पहलुओं में हर डिब्बे में सस्पेंशन सिस्टम, तापमान नियंत्रित सवारी केबिन, पर्यावरण अनुकूल शौचालय और सीधे डायल वाले टेलीफोन शामिल हैं। केबिन में बड़े शीशे लगे हैं जिससे लोग बाहर की एक झलक पा सकते हैं। केबिन में एलसीडी टेलीविजन, डीवीडी प्लेयर, इंटरनेट जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं। इस लक्जरी ट्रेन की एक अलग पहचान यह भी है कि यह विभिन्न राज्यों से होकर गुजरती है। इसके मुम्बई से दिल्ली और दिल्ली से कोलकाता दो रूट हैं और दोनों रूटों पर यह दोनों दिशाओं में चलती है। यह मुंबई से राजस्थान होते हुए दिल्ली आती है।
इसी तरह राजस्थान रॉयल, पैलेस ऑन व्हील आदि ट्रेनें भी शाही शानो-शौकत का चलता फिरता रूप हैं। इन ट्रेनों के प्रत्येक टूर में आगरा मुख्य रूप से शामिल है।
प्रिंसली इंडिया टूर प्रिंसली इंडिया पश्चिमी भारत और ऐतिहासिक ताजमहल की विहंगम यात्रा कराती है। अनंतकाल की परंपराओं और मनमोहक स्थानों को निहारते हुए लोग मुंबई की भागदौड़ भरी जिंदगी, दिल्ली के स्मारकों, ताजमहल का शाश्वत सौंदर्य, रणथंभौर के बाघ, आमेर का किला देख सकते हैं और ङीलों के शहर उदयपुर की झलक पा सकते हैं।
रॉयल इंडिया टूर रॉयल इंडिया, भारत के अनोखे दृश्य दिखाती है- ताजमहल, रणथंभौर, गुजरात और अंतत: मुम्बई। इस शानदार यात्रा से लोगों के दिमाग पर प्राचीन भारत और उस समय की संस्कृति की अमिट छाप पड़ती है।
क्लासिकल इंडिया टूर लोकप्रिय यात्राओं में से एक यह टूर लोगों को भारत के छुपे खजाने का दर्शन कराता है।
यह यात्रा दिल्ली के अविस्मरणीय प्राकृतिक दृश्य से शुरू होती है और ग्वालियर के वैभवशाली अतीत, वाराणसी की पवित्र भूमि, खजुराहों के मंदिर, गया के तीर्थ केंद्र तथा बांधवगढ़ नेशनल पार्क के विविध वन्यजीवों के दर्शन कराती हुई पूर्व के हृदय समङो जाने वाले कोलकाता में जाकर खत्म हो जाती है।
सेलेस्टियल इंडिया टूर सेलेस्टियल इंडिया टूर व्यक्ति को भारत के आकर्षक और पुरातात्विक संरचनाओं का दर्शन कराता है। इस दौरान गया के हिंदू मंदिर, वाराणसी में गंगा नदी में नौकायन, बांधवगढ वन्यजीवों के दर्शन, खजुराहो, आगरा, ग्वालियर एवं दिल्ली के ऐतिहासिक आश्चर्य का विह्ंगम दृश्य देखने का अवसर मिलता है।
लक्जरी ट्रेन से देशाटन का अनुभव ऐसा है मानो हमें हमारी समृद्ध एवं विविधता भरी भूमि के दर्शन हो रहे हों।
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