Monday, July 21, 2014

प्यार के लिए रूस छोड़ भारत आई ये विदेशी, देसी छोरे से रचाएंगी ब्याह


(विक्रम की दादी के साथ इवगिनिया पैट्रोवा और विक्रम।)
 
कुरुक्षेत्र। कहते हैं प्यार में प्रेमी सात समुद्र भी लांघ कर अपने मुकाम को पाते हैं, तभी तो रूस की इवगिनिया पैट्रोवा अपने प्यार को पाने यहां पहुंच गई। हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित गांव बेरथली में रहने वाले छोरे विक्रम संग आठ माह पहलेफेसबुक पर हुई उसकी दोस्ती कब प्यार में बदल गई, खुद उन्हें भी पता नहीं चला। अब दोनों एक दूसरे के हमसफर बनने जा रहे हैं। पैट्रोवा को देहात के रीति-रिवाज भी भा गए हैं। लिहाजा वह हिंदू रीति-रिवाज से ही शादी करेगी। पैट्रोवा आठ जुलाई को यहां पहुंची। 
 
डाॅक्टर के सहायक को हुआ रूसी बाला से इश्क
बेरथली के 26 वर्षीय विक्रम अमृतसर में एक बाल रोग विशेषज्ञ के पास बतौर सहायक कार्य करते हैं। उनके पिता राम कुमार जगाधरी कोर्ट में वैल्फ हैं। विक्रम ने बताया कि उन्होंने 2009 में फेसबुक अकाउंट बनाया था। अमृतसर में जाने के बाद उन्हें दोस्तों की कमी महसूस होती थी। उसने पैट्रोवा काे फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेजी, जिसे उसने स्वीकार कर लिया। इसके बाद चैटिंग होने लगी। इसी दौरान उन्होंने एक-दूसरे को अपना जीवन साथी बनाने का फैसला कर लिया। विक्रम ने बताया कि उनकी शादी के लिए दोनों परिवारों की रजामंदी है।  

भाई, हम तो इशारे में समझ लैंवा
विक्रम के परिजन भी विदेशी बाला को बहू के रूप में देखने को आतुर हैं। विक्रम की मां शिक्षा बताती हैं कि उनकी शादी हिंदू रीति-रिवाज से की जाएगी, लेकिन रूसी रस्मों का भी ध्यान रखेंगे। हालांकि, उन्हें पैट्रोवा की भाषा समझ नहीं आती, लेकिन उनकी बेटी सुमन अंग्रेजी भाषा समझ लेती हैं। बेटी के घर होते समय कोई दिक्कत नहीं होती।
 
पैट्रोवा का परिवार भी शादी को राजी 
पैट्रोवा बताती हैं कि अभी वह कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए अकेले ही भारत आई हैं। उसने फैसले से परिवार भी राजी है। शादी में उनके पिता सेरगेव पैत्रोव, माता एकेगैरिना, भाई ईलिया व बहन वसिटीसा भी भारत आएंगे। इवगिनिया के पिता का फूड प्रोडक्शन का काम करते हैं और वह चकचक व हावोरस आदि प्रोडक्ट्स बनाते हैं।  
 
संस्कृति अपनाने में लगेगा समय 
इवगिनिया पैट्रोवा बताती हैं कि उसने भारत के बारे में सुना था। यहां आई तो इस देश ने उनके दिल को छू लिया। हालांकि, रूस व भारत के कल्चर में जमीन आसमान का फर्क है। रचने-बसने में उसे थोड़ा समय लगेगा। पैट्रोवा ने स्कूल स्तर की शिक्षा हासिल की है और सेंट पीटर्सबर्ग में विज्ञापन से संबंधित कार्य करती हैं। यहां उसे आम, लीची, आड़ू, आलू बुखारा, तरबूज व केला काफी पसंद आए हैं। वह शादी को लेकर उत्सुक है। अभी कानूनी प्रक्रिया के तहत एक माह तक नोटिस लगवाया है। इसके बाद शादी की तिथि तय करेंगे। पैट्रोवा ने बताया कि शादी के बाद वह चाहती हैं कि अपने पति संग रूस में रहे। विक्रम भी इसके लिए राजी है और वीजा का प्रबंध कर रहा है। 
  
गांव वालों में है कौतूहल
रूसी बाला को गांव में देखकर लोगों में भारी कौतूहल दिखाई दिया। जहां-जहां भी विक्रम व पैट्रोवा जाते, ग्रामीण उनके पीछे-पीछे आते रहे। हालांकि, इस नजारे को देख पैट्रोवा भी खुश नजर आती है।


(गांव में रहन-सहन सीखती रूस से आई इवगिनिया पैट्रोवा।)


(विक्रम के दादा के पैर छूकर आशीर्वाद लेती इवगिनिया, साथ में विक्रम ने भी आशीर्वाद लिया।)


(रूस से आई इवगिनिया पैट्रोवा साथ में विक्रम जगाधरी।)


(गांव में हुआ दो सभ्याताओं का मेल, खेत में इवगिनिया और विक्रम।)


(इस विदेशी लड़की ने गांव में रहने के लिए सारे तौर तरीकों पर ध्यान दिया।)


(फुर्सत के पलों को साझा करते हुए दोनों प्रमी।)


(प्रेमी जोड़ा फैमिली संग ग्रुप फोटो खिंचवाते हुए।)


(इन्टरव्यू देते हुए इवगिनिया और विक्रम।)


(ग्रामीण रहन-सहन सीखते इवगिनिया, साथ में है विक्रम।)

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