ग्रेजुएशन में कोर्स चुनते हुए भेड़चाल में शामिल होने के बजाय अपनी रुचि और क्षमता को तवज्जो दें। बारहवीं की परीक्षाओं और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के नतीजे घोषित होने के साथ ही इस समय स्टुडंट्स के मन में कोर्सेज और कॉलेजों के चयन को लेकर उलझन होना स्वाभाविक है। कोई खुद को अच्छा कॉलेज मिलने को लेकर आश्वस्त नहीं है तो किसी के मन में अपने चुने हुए कोर्स के स्कोप को लेकर शंकाएं हैं। यह समय अपने मन को स्थिर रखते हुए मौजूद विकल्पों पर गौर करने का है, ताकि इनमें से सर्वश्रेष्ठ चुना जा सके। यह समय दुविधा में पडऩे का नहीं है। न हो देखा-देखी उन स्टुडंट्स को अक्सर पछताना पड़ता है, जो किसी कोर्स का चयन सिर्फ इसलिये कर लेते हैं, कि किसी अन्य जानकार ने भी वही कोर्स किया है और आज अच्छा कमा रहा है। यह जान लें कि हर एक की क्षमताएं और रुचि अलग-अलग हैं। इसलिये जो उसके लिये अच्छा है, जरूरी नहीं आपके लिये भी बेहतर ही हो। स्कोप जरूर देखें किसी भी कोर्स का चयन करते समय उसके स्कोप पर जरूर गौर कर लें। आपके पसंदीदा फील्ड से जुड़े लोगों से इस बारे में सलाह लें। इसके अलावा इंटरनेट पर किसी भी फील्ड के स्कोप के बारे में विस्तृत सर्च की जा सकती है। क्या है रुचि किसी भी कोर्स का चयन करने से पहले अपनी रुचि पर गौर जरूर कर लें। ऐसा न करने पर तीन-चार साल की पढ़ाई बोझ लगने लगती है। यदि आपकी रुचि पढ़ाई से इतर किसी चीज में है, तो बेशक आप हल्के-फुल्के सब्जेक्ट्स चुन सकते हैं। बस कोर्स या ट्रेनिंग चुनते समय आपका मुख्य फोकस करियर पर होना चाहिए। सोचें लॉन्ग टर्म कुछ स्टुडंट्स यह भी मान बैठते हैं कि हमने जितने ज्यादा कोर्स किए होंगे, हमारे करियर के लिये उतने ही ज्यादा चांस होंगे, जबकि होता इससे उल्टा है।
ज्यादा कोर्स करने के चक्कर में आपका ध्यान किसी एक पर भी सही से नहीं लग पाता। कोर्स ऐसे चुनें, जो लॉन्ग टर्म में आपके करियर को दिशा देते हों।
सलाह लेने से न ङिाझकें यह स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं है कि आपके लिये यह समय एकदम नया है और आपको चीजों की पूरी समझ नहीं है। इसलिये अपने लिये सही कोर्स या कॉलेज चुनने के लिये अनुभवी लोगों से सलाह लेने में ङिाझक महसूस न करें।
यह सलाह आपके टीचर, अनुभवी पड़ोसी, पेशेवर काउंसलर आदि दे सकते हैं। इसके अलावा आपके स्कूल के जिन सीनियर्स का एडमिशन अच्छे कॉलेजों में हो चुका है, उनसे भी सलाह ली जा सकती है। सलाह मांगते हुए अपने मन की शंकाएं सामने रखने में ङिाझकें नहीं।
No comments:
Post a Comment