Tuesday, March 26, 2013

उत्तर पूर्व की अनछुई खूबसूरती



दार्जिलिंग परिक्षेत्र, उत्तर पूर्वी भारत और कश्मीर के कई क्षेत्र भी टूरिस्टों के लिए अच्छे आकर्षण हो सकते हैं।
दार्जिलिंग
पश्चिम बंगाल का छोटा सा शहर, जो टूरिस्टों को खास पसंद आता है। चाय बागानों के लिए मशहूर।


कैसे जाएं: न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से यहां पहुंचा जा सकता है। न्यू जलपाईगुड़ी दिल्ली सहित देश के लगभग सभी प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा है। हवाई जहाज से जाना है तो न्यू जलपाईगुड़ी स्थित बागडोगरा हवाई अड्डा पहुंचें। यहां से 88 किलोमीटर दूर स्थित है दार्जिलिंग। स्टेशन या हवाई अड्डे के सामने से ही शेयरिंग टैक्सी मिल जाएंगी।


क्या है खास: न्यू जलपाईगुड़ी से सटे सिलीगुड़ी से हिमालय पर्वत की गगनचुंबी सीरीज शुरू हो जाती हैं। यहां से दार्जिलिंग का रास्ता बेहद खूबसूरत है। दार्जिलिंग में टाइगर व्यू हिल से सूर्यास्त देखिए। हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टिट्यूट में पर्वतारोहण से जुड़ी चीजों का संग्रह है। पास ही है मिरिक, जहां संतरे, चाय और दूसरे पौधों के बीच घिरी शुमेंदु लेक के पास एक रात बिता सकते हैं।
गंगटोक
हिमालय पर्वत सीरीज में स्थित गंगटोक सिक्किम की राजधानी है।
कैसे पहुंचें: दार्जिलिंग या मिरिक से गंगटोक जा सकते हैं। न्यू जलपाईगुड़ी से सीधे तीस्ता नदी के किनारे-किनारे 120 किलोमीटर की दूरी तय करके भी यहां पहुंचा जा सकता है।
क्या है खास: यहां गांधी मार्केट से स्थानीय चीजें खरीदी जा सकती हैं, खासतौर से ग्रीन टी। गंगटोक में शीशे की छोटी-छोटी खूबसूरत डिजाइनदार शीशियों में रम मिलती है। पीने के लिए नहीं, दोस्तों को गिफ्ट करने के लिए। देर शाम पहाड़ी मार्गों पर जाने से परहेज करें।
संदकफू
एडवेंचर का शौक है तो दार्जिलिंग परिक्षेत्र में ढेरों ऐसी जगहें हैं, जहां टेकिंग कर सकते हैं। ऐसा ही एक रूट है, जिसे पर्वतारोही चंद्रशेखर पांडे ने तलाशा है।
कैसे जाएं: दार्जिलिंग या मिरिक से आप टैक्सी द्वारा मानेभंजन पहुंचिए। यहां से ऊपर की तरफ 42 किमी की दूरी पर संदकफू चोटी है।
क्या है खास: अप्रैल से नवंबर तक यहां जाया जा सकता है। 11,000 फुट पर कालपोखरी एक ऐसी जगह है, जहां एक छोटी सी पोखरी (तालाब) है, जिसका पानी हर समय सर्दी पड़ने के बावजूद जमता नहीं है। यहां खूब ठंड पड़ती है, इसलिए मोटे गर्म कपड़े जरूर हों।
गुवाहाटी
असम की राजधानी गुवाहाटी प्राचीन शहर है। पहले कभी इसे प्राग ज्योतिषपुर भी कहा जाता था।
कैसे जाएं: गुवाहाटी दिल्ली सहित देश के लगभग सभी प्रमुख शहरों से रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा है।
क्या है खास: ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे टहलना, लहरों की अठखेलियां देखना, उनसे बातें करना, सब कुछ अद्भुत है। स्टीमर से ब्रह्मपुत्र नदी के बीच स्थित उमा नंदा टेंपल भी जा सकते हैं। 1000 फुट की ऊंचाई पर कामाख्या मंदिर है।
शिलांग
गुवाहाटी से 103 किलोमीटर आगे है। शिलांग मेघालय की राजधानी है।
कैसे जाएं: यहां जाने के लिए ट्रेन से पहले गुवाहाटी पहुंचें। फिर आगे का रास्ता बस या टैक्सी से।
क्या है खास: यह रास्ता बेहद खूबसूरत है। एक तरफ पहाड़, एक तरफ बांस, सुपाड़ी, शरीफे और न जाने किन-किन चीजों के लहराते-झूमते पेड़। शिलांग का जू, चर्च, नेहरू पार्क देखने लायक हैं।
चेरापूंजी
मेघालय की राजधानी शिलांग से 54 किलोमीटर दूर है। चेरापूंजी वह जगह है, जिसे पहले कभी संसार के सबसे ज्यादा बारिश वाला क्षेत्र माना जाता था।
कैसे जाएं: गुवाहाटी से बस या टैक्सी से शिलांग आएं। फिर शिलांग से चेरापूंजी के लिए टैक्सी मिलती हैं। जलेबीदार पहाड़ी रास्ता है।
क्या है खास: आज भी यहां लगभग हर समय बारिश होती है, पर सबसे ज्यादा बारिश वाली जगह का श्रेय इससे करीब 12 किलोमीटर आगे मोशेरम को जाता है। यह पूरी जगह गीली-गीली सी ही लगेगी।
श्रीनगर और गुलमर्ग
श्रीनगर कश्मीर की राजधानी है और इससे आगे गुलमर्ग है।
कैसे जाएं: श्रीनगर जाने के लिए दिल्ली से सीधी उड़ानें हैं। ट्रेन से जम्मू तक जा सकते हैं। उसके बाद श्रीनगर तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है। श्रीनगर में टैक्सी या राज्य परिवहन निगम की बसों से गुलमर्ग जाया जा सकता है।
क्या है खास: धरती पर जन्नत के नाम से मशहूर कश्मीर खूबसूरती का दूसरा नाम है। ठंडा मौसम, हरे-भरे चिनार, चीड़ के पेड़ और चारों ओर पसरी खामोशी आपका मन मोह लेगी। श्रीनगर का मुख्य आकर्षण 20 किमी में फैली डल झील है। यहां पानी में तैरते शिकारे यानी चलते-फिरते होटल हैं। चारमीनार, चश्मे शाही, हजरत बल और निशात बाग हैं।
दीव
गुजरात में पोरबंदर से आगे समुद्र के किनारे पर है दीव।
कैसे जाएं: दीव पहुंचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन वेरावल है। अहमदाबाद से भी वाया राजकोट-सोमनाथ, पोरबंदर होते हुए सड़क मार्ग से दीव पहुंचा जा सकता है।
क्या है खास: करीब 48 किलोमीटर का यह टापू बेहद खूबसूरत है। यहां देखने के लिए सी म्यूजियम, मंदिर, सेंट पॉल चर्च और 1550 में बना किला है। इस किले की छत से दूर-दूर तक अरब सागर के उछलते पानी का विहंगम नजारा दिखता है। यहां के सी बीच बेहद खूबसूरत हैं। खरीदने के लिए समुद्र से जुड़ी चीजें मिल जाएंगी।

No comments:

Post a Comment