अगर आप भी अपने पीसी या लैपटॉप के सामने बैठकर और इंटरनेट से जुड़कर कुछ बेहतर कमाना चाहते हैं। साथ ही ऑफिस जाने और बॉस के टेंशन से भी बचने की इच्छा है तो ऑनलाइन आमदनी के बारे में सोचना शुरू कर दें। बाकी बातें हम आपको बता रहे हैं।
वैसे तो आजकल ऑनलाइन अर्निंग के विज्ञापनों की भरमार रहती है। पर इनमें सभी पर यकीन नहीं किया जा सकता है। कुछ चीजें ध्यान में रखकर इस काम को आप शुरू कर सकते हैं। इसके लिए न तो आपको कोई ऑफिस स्पेस किराए पर लेने की जरूरत है और न ही आपका कोई बॉस होगा। बस ध्यान रखनी होगी डेट लाइन और ऐक्यूरेसी की। अब सोचने वाली बात यह है कि इस तरह का विकल्प अगर आपके पास आ जाए तो कौन इसे अपनाना नहीं चाहेगा। पर इसके लिए कुछ छोटी लेकिन अहम बातों पर गौर करने की जरूरत है।
बीते सालों के रिसेशन ने जहां तमाम यूरोप और अमेरिका के विकसित राष्ट्रों को छुआ, वहीं भारत ने उस दौरान भी अपना ग्रोथ रेट बरकरार रखा। वजह रही भारतीय बाजार का बड़ा होना। जिसमें कंज्यूमर की संख्या अथाह है। भारत की दूसरी खासियत है यहां का लेबर कॉस्ट कम होना। इसलिए इन्वेस्टमेंट के बाद यहां पर प्रॉफिट ही प्रॉफिट है। यही वजह है कि हर साल यहां मल्टिनैशनल कंपनियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। जो कंपनियां यहां नहीं आ पाती, वे इंडिया से आउटसोर्सिंग करती हैं। आपके ऑनलाइन अर्निंग की शुरुआत यहीं से होती है। यानी घर बैठे कमाई।
अहम बातें
1. आपका सबसे पहला काम सबसे पहले उन वेबसाइट्स की लिस्ट बनाना है, जहां आप फ्रीलांसिंग करना चाहते हैं। आज इंटरनेट पर ऐसे अनेकों साइट्स उपलब्ध हैं। इसके बाद ये वेबसाइट्स किस तरह का फ्रीलांस वर्क कराते हैं, यह भी जानकारी जुटाएं।
2. इसके बाद बारी आती है पेमेंट की। वेबसाइट्स की पेमेंट के लिए शर्तें क्या हैं। यह जानना आपके लिए जरूरी है। क्योंकि काम के साथ आमदनी के बारे में जानना भी जरूरी है।
3. आप इस बात को अवश्य स्पष्ट कर लें कि वेबसाइट किस मोड से आपको पेमेंट देगी। ज्यादातर फंड ट्रांसफर के द्वारा ही पेमेंट देते हैं।
4. आप खुद को जिस तरह के काम में सहज महसूस करते हैं, उसे ही स्वीकार करें। मान लें कि आप एक अच्छे ट्रांसलेटर हैं, तो आप ट्रांसलेशन का काम ही पकड़ें।
5. वेबसाइट पर काम शुरू करते समय चार-पांच वेबसाइट्स से जुड़ने की कोशिश करें। इससे आपको ऑफर किए जाने वाले पैसे के बारे में भी जानकारी मिलती रहेगी कि कौन अधिक दे रहा है और कौन कम।
आपके पास क्या हो?
सबसे पहले जरूरी है आपके पास कंप्यूटर, टाइपिंग और इंटरनेट की बेसिक जानकारी। वैसे इस तरह के काम के लिए किसी बड़ी डिग्री की आवश्यकता नहीं है। साथ ही आपके पास अपना कंप्यूटर या लैटटॉप भी होना चाहिए। आज इंटरनेट कनेक्शन कॉमन हो गया है। नहीं है, तो साइबर कैफे से भी काम कर सकते हैं। अगर किसी सॉफ्टवेयर की जरूरत होगी तो वह आपको जॉब प्रवॉइडर देगा।
ऐक्यूरेसी से ही होगी आमदनी
काम देते समय हर कंपनी आपके सामने कुछ शर्तें रखती हैं। सुनने में भले ही ये शर्तें आसान लगती हों पर अमल करना कठिन होता है। सामान्यतया दो फीसदी गलती होने तक आपके पैसे नहीं काटे जाते। यानी आपको 98 फीसदी काम सही करके देना होता है। इससे कम ऐक्यूरेसी होने से आपके पैसे कटने लगते हैं। 90 फीसदी से कम एक्यूरेसी होने से कई कंपनियां मैटर ही स्वीकार नहीं करती। वैसे कुछ कंपनी आपको 100 फीसदी एक्यूरेसी देने के लिए कह सकती है। दूसरी बात डेट लाइन की। कंपनी ने आपको अगर 15 दिनों का टाइम लिमिट दिया है तो काम पूरा करके इन्हीं 15 दिनों में सबमिट करना होगा। यदि आप दिए गए समय में पूरा काम करके नहीं देते हैं तो आपका काम ही स्वीकार नहीं किया जाएगा। पैसे मिलने की बात तो दूर है।
आपको देशों से भी काम मिल सकता है। मसलन, पीडीएफ फाइलों में यूरोप, अमेरिका, इंग्लैंड आदि शहरों के लाइब्रेरी की किताबों का काम होता है। यह पूरा काम इंग्लिश में होता है। इसमें गणित, साइंस, अंग्रेजी और उपन्यास की पुस्तकें होती हैं। ऐसे में आपकी अंग्रेजी भी अच्छी होनी चाहिए। अमूमन जो कंपनी आपसे काम करवाती है वह आपके साथ स्टैंप पेपर पर ऐग्रिमेंट करती है। ऐसे में अगर आपको कंपनी की सभी शर्तें मंजूर हैं तो फटाफट रजिस्ट्रेशन करवा लें।
कुछ अहम ऑनलाइन अर्निंग साइट्स
http://www.freelancer.com/
http://www.infolinks.com/
http://www.vibrantmedia.com/
(साभार)
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