Monday, April 15, 2013
ल़ेजर तकनीक से पाएं बेदाग त्वचा
चेहरे पर एक छोटा सा दाग या एक्ने चेहरे की सुंदरता को खराब कर देता है। यदि चेहरे पर मुंहासों जैसे ढेर सारे दाने पास-पास और गुच्छे की शक्ल में हों और बहुत दिनों तक बनें रहे तो सावधान हो जाइए। यह एक्ने हो सकता है। अगर आपके परिवार में एक्ने की हिस्ट्री रही है यानी आपके मां या पिता को भी यह समस्या रही है तो भी आपको इससे बचाव की कोशिशें शुरू कर देनी चाहिए। दरअसल, एक्ने मुंहासों का बिगड़ा हुआ रूप है। फर्क यह है कि आमतौर पर मुंहासे जहां बिना किसी विशेष उपचार के किशोरावास्था के बाद स्वयं ही ठीक हो जाते है, वहां एक्ने के साथ ऐसा नहीं होता। जब तक कि इनकी देखभाल ठीक से न की जाए तब तक यह ठीक नहीं होते। समस्या तब और बढ़ जाती है जब इनके निशान या दाग चेहरे पर पड़ जाते है। यह दाग किसी भी युवती के लिए नागवार होते है।
क्यों होते है मुंहासे
त्वचा के नीचे स्थित सिबेशियस ग्लैंडं्स से त्वचा को नमी देने के लिए तेल निकलता है। ये ग्लैडं्स चेहरे, पीठ, छाती और कंधों पर सबसे ज्यादा होती है। अगर यह ज्यादा सक्रिय हो जाएं तो रोमछिद्र चिपचिपे होकर ब्लॉक हो जाते है और उनमें बैक्टीरिया पनपने लगते है। जो मुंहासे का कारण बनते है। सिबेशियस ग्लैड की अति सक्रियता की प्रमुख वजह एंड्रोजन हार्मोन की अधिकता है। एंड्रोजन पुरुष सेक्स हार्मोन है और यह लड़के-लड़कियों दोनों में ही होता है। किशोरावास्था में इसका सीक्रिशन ज्यादा होता है इसलिए उन दिनों ऐसी मुंहासों की समस्या से गुजरना पड़ता है। यही मुंहासे बिगड़कर एक्ने का रूप ले लेते है।
कुछ ऐसे लोग भी है जो मुंहासे फोड़ देते है और उन पर डेटॉल या सेवलॉन का घोल लगाते है, यह सोचकर कि शायद ऐसा करने से उनके घाव भर जाएंगे। लेकिन मुंहासों को फोडऩे से संक्रमण पर पूरी त्वचा पर फैल जाता है और उनके दाग भी जरूर पड़ते है। मुंहासों के निकलने के कुछ अन्य कारण भी है मसलन एलर्जी, तनाव, जंकफूड, हाइड्रोजेनेटेड फैट और पशु उत्पादों के प्रयोग, कुपोषण और प्रदूषण से भी इनकी संभावना बढ़ जाती है। कुछ दवाओं जैसे स्टीरॉयड, ओरल, कांट्रेसेप्टिव पिल्स और मिरगी की दवाओं आदि के रिएक्शन से भी मुंहासे हो सकते है।
बचाव संभव है
कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो मुंहासों को रोका जा सकता है, कम से कम उनका ज्यादा बढऩा तो रोका ही जा सकता है। बेहतर होगा कि मुंहासे निकलते ही उनकी रोकथाम के उपाय शुरू कर दिए जाएं।
अगर आप इनसे बचना चाहती है तो अपने आहार पर खास ध्यान देना होगा। भोजन में अधिक तेल, मसाले से परहेज करना होगा।
इसके अलावा रेशेयुक्त पदार्थो का सेवन अधिक करे। इससे पेट साफ रहता है और शरीर के विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते है। क्योंकि पेट की खराबी भी मुंहासों का एक विशेष कारण होता है। अधिक मीठा, स्टार्चयुक्त भोजन से जहां तक हो सके बचें।
कैसे जाएं मुंहासों के निशान
आज की व्यस्त जीवन शैली में समय के अभाव के कारण मुंहासों के दाग दूर करने के लिए घंटों चेहरे पर लेप लगाना और उबटन का इस्तेमाल करने से हर स्त्री बचना चाहती है। ऐसे में लेजर तकनीक काफी सुविधाजनक है। लेजर तकनीक मुंहासों का अच्छा इलाज है। इसके जरिये त्वचा के दाग-धब्बे दूर हो जाते है और आपको मिलती है एक निर्दोष, बेदाग त्वचा। इस लेजर चिकित्सा में आपकी त्वचा की कोशिकाओं का पानी लेजर की किरण सोख लेता है। इस क्रिया से कोशिकाओं का तात्कालिक वाष्पीकरण होता है या वे नष्ट हो जाती है। न्यू लुक लेजर क्लीनिक, लाजपत नगर, नयी दिल्ली के कंसल्टेट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल के अनुसार लेजर चिकित्सा के जरिये प्रभावित त्वचा को हटा दिया जाता है और उसके जगह नयी त्वचा निकल आती है। लेजर चिकित्सा के बाद त्वचा कुछ समय तक गुलाबी रहती है पर धीरे-धीरे त्वचा निर्दोष और सामान्य नजर आती है। इसके लिए आपकी त्वचा को देख कर और मुंहासों की स्थिति को ध्यान में रखकर आपको यह परामर्श दिया जाता है कि आपको लेजर ट्रीटमेंट की कितनी सिटिंग लेने की जरूरत होगी। इसके साथ ही डॉक्टर के निर्देशानुसार कुछ दिनों तक आपको सूर्य की किरणों से भी त्वचा का बचाव करना होता है। साथ ही एसपीएफ-18 की सनस्क्रीन का भी प्रयोग करना होता है। लेकिन आपको मिलती है एक सुंदर, स्वस्थ और बेदाग त्वचा।
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