Sunday, May 5, 2013

हमेशा यस बॉस..


अब तक यही धारणा प्रचलित थी कि बॉस हमेशा सही होता है और उसकी हर बात माननी चाहिए, पर वक्त के साथ बहुत कुछ बदल रहा है। अब जरूरत है उस पुरानी धारणा को नए सिरे से परखने की..
 कॅरियर की सफलता के लिए केवल अच्छी परफॉर्मेंस ही काफी नहीं है, बल्कि बॉस के मिजाज को समझते हुए उसके अनुकूल व्यवहार करना भी व्यक्ति के प्रोफेशनल स्किल का जरूरी हिस्सा माना जाता है। इसी वजह से बॉस इज आलवेज राइट जैसे जुमले इतने प्रचलित हैं। इस विचारधारा के अनुसार चाहे सही हो या गलत, बिना किसी तर्क-वितर्क के बॉस की हर बात माननी चाहिए। लंबे अरसे तक लोग इसी विचारधारा पर अमल करते रहे। फिर एक दौर ऐसा भी आया जब खुद अधिकारियों को इस सच्चाई का एहसास होने लगा कि बिना सोचे-समझे हमारी हर बात पर हा में हा मिलाने वाले कर्मचारियों की वजह से हमारा और संस्थान का नुकसान हो रहा है। पिछले एक दशक से कुछ ऐसे ही मुद्दे लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं। सवाल यह उठता है कि कॅरियर में सफलता हासिल करने का सही तरीका क्या होना चाहिए? क्या बॉस इज आलवेज राइट जैसे कथन को सिरे से नकार देना चाहिए या कामयाबी के लिए कोई संतुलित रास्ता अपनाना चाहिए। बॉस के सामने स्पष्ट विचार रखते हुए कामयाबी के रास्ते पर आगे कैसे बढ़ें।
 पहले तोलें फिर बोलें 
 बॉस के सामने कहा गया एक-एक शब्द आपके लिए बहुत मायने रखता है। इसलिए बॉस के साथ अपनी बातचीत की गंभीरता को समझें। चाहे कोई भी टॉपिक हो, काफी सोच-विचार के बाद उनके सामने तर्कसंगत ढंग से अपनी बात रखें।
 बिना सोचे-समझे यस बॉस न कहें 
 जब आप बॉस की बातों से पूरी तरह सहमत हों तभी हामी भरें, क्योंकि आजकल कोई भी अधिकारी हमेशा हा में हा मिलाने वाले कर्मचारियों को पसंद नहीं करता। प्रोफेशनल लाइफ में अधिकारियों के सामने आपका स्पष्टवादी व्यक्तित्व और मौलिक विचार नजर आना चाहिए, पर ध्यान रहे कि आपकी बातचीत का अंदाज हमेशा शालीन और सटीक होना चाहिए।
 असहमति का मतलब असफलता नहीं 
 अगर किसी वजह से बॉस आपका आइडिया रिजेक्ट कर देते हैं तो यह सोचकर मायूस न हों कि आप नाकाबिल हैं, क्योंकि असहमति की प्रोफेशनल वजहें हो सकती हैं।
 निडर होकर दें सही सुझाव 
 अगर आप अपने काम में परफेक्ट हैं तो बॉस को भी आपकी काबिलीयत की कद्र होगी और वह भी हमेशा आपसे सही सुझाव की उम्मीद रखेंगे। ऐसी स्थिति में अगर कभी आपको ऐसा लगे कि बॉस का सुझाव गलत है, लेकिन वह अपने विचारों पर अडिग हैं तो उस वक्त उनसे ज्यादा बहस न करें, पर बाद में तर्क सहित उनके सामने अपना सुझाव जरूर रखें। हो सकता है कि बाद में शात मन से पुनर्विचार करने के बाद वह आपकी बातों से सहमत हो जाएं।
 बॉस के पास है वीटो पावर 
 अगर किसी मुद्दे को लेकर बॉस के साथ आपका मतभेद हो और आपको ऐसा लगे कि आप दोनों ही सही हैं तो ऐसे में बॉस के विचारों के साथ सहमति दिखाने में ही भलाई है, क्योंकि अंतिम निर्णय लेने का अधिकार उन्हीं के पास होता है।
 हर समस्या बॉस के पास न ले जाएं 
 छोटी-छोटी समस्याएं लेकर बॉस के पास जाने के बजाय उन्हें अपने स्तर पर हल करने की कोशिश करें। बार-बार बॉस के पास शिकायतें लेकर जाने से बेवजह उनके सामने आपका इंप्रेशन खराब होगा।
 अगर आप अपने कार्यस्थल पर इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको कामयाबी जरूर मिलेगी।





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