Sunday, January 27, 2013

क्योंकि आसान और असरदार है वॉकिंग




एक्सरसाइज का सबसे आसान और कुदरती तरीका है वॉकिंग। सुविधाजनक होने के साथ-साथ यह काफी असरदार भी है, इसलिए हर उम्र और तबके के लोगों में यह बेहद लोकप्रिय है। दरअसल वॉकिंग परफेक्ट एक्सरसाइज के काफी करीब है क्योंकि यह हल्की कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज है, जो पूरे शरीर के लिए काम करती है। यह दिल, फेफड़े और हड्डियों की सेहत को बेहतर बनाती है और कम-से-कम दबाव डालने की वजह से जोड़ों की हिफाजत भी करती है।
क्या आप जानते हैं?
वॉकिंग में करीब-करीब सारी मसल्स शामिल होती हैं, फिर स्पाइन को सीधा रखनेवाली पेट और कमर की मसल्स हों या फिर बाजू की मसल्स हों, जो पैरों की विपरीत दिशा में काम करती हैं। वॉकिंग से पॉश्चर सुधरता है और बाजू, कंधे, पैर और हिप्स की टोनिंग होती है।
वॉकिंग के फायदे तमाम
- कैलरी बर्न होने के साथ-साथ मसल्स मजबूत होती हैं।
- शरीर को चोट लगने या टूट-फूट की सबसे कम आशंका होती है।
- शरीर का पॉश्चर, तालमेल और संतुलन सुधरता है।
- दिल की बीमारी की आशंका को कम करती है।
- हड्डियों को मजबूत बनाती है।
बीमारी की आशंका कम
- अगर आप हफ्ते में 5 दिन 30 मिनट वॉक (करीब 2 मील) करते हैं तो हार्ट अटैक की आशंका 25 फीसदी तक कम हो सकती है।
- हर मील की वॉकिंग करीब 100 कैलरी बर्न करती है। अगर आप रोजाना 5 मील चलते हैं तो आपकी एक हफ्ते में करीब 3500 कैलरी बर्न होंगी, जिससे करीब आधा पाउंड (230 ग्राम) वजन कम हो सकता है।
वजनघटानेमेंमददगार
वजन कम करने के लिए जरूरी है कि आप ज्यादा कैलरी बर्न करें और कम फैट खाएं इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप क्या खा रहे हैं। फैट्स और शुगर कम करें। आपको खुद को भूखा रखने की जरूरत नहीं है। बस बैलेंस्ड डाइट खाएं, जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और स्प्राउट्स शामिल हों।
आत्मविश्वास के साथ चलें
वॉकिंग के दौरान जितना बेहतर आपका पॉश्चर होगा, उतनी ही ज्यादा मसल्स वॉकिंग में इस्तेमाल होंगी और आप उतनी ही ज्यादा कैलरी बर्न करेंगे। वॉकिंग के दौरान शरीर को बिल्कुल सीधा रखें, चेहरे को कंधों के बीचोंबीच रखें और सीने को तानकर रखें। कुहनियों को हल्का-सा मोड़ें और पैरों के मुताबिक बाजुओं को आगे और पीछे की ओर ले जाएं। पेट की मांसपेशियों को अंदर की तरफ रखें और पैरों को जमीन पर जमा कर रखें। ध्यान रखें कि पहले एड़ी जमीन को छुए। उसके बाद पूरा पैर रखें।
तरह-तरह की वॉकिंग
अपने वॉकिंग रूटीन में एक्साइटमेंट बनाए रखें। वॉकिंग के अलग-अलग अंदाज को भी अपनाकर भी वॉकिंग को बोरिंग होने से रोक सकते हैं। मसलन हफ्ते में ब्रिस्क या फास्ट वॉक को अपनाएं और वीकएंड पर (जब आपके पास टाइम हो) लंबी दूर तक आराम से टहलने का प्रोग्राम बनाएं।
टहलना
इसमें आपके अपने घर के अंदर या बाहर, गार्डन, फुटपाथ आदि पर धीरे-धीरे टहलना शामिल है। यह आपके शरीर और दिमाग को रिलैक्स करने का टाइम है। यह तनाव कम करने का बेहतरीन तरीका है।
नंगे पैर टहलना
जब आप पार्क आदि में नंगे पैर टहलते हैं तो कुदरत के साथ एक जुड़ाव महसूस करते हैं। जानवरों और पेड़ों की तरह आप अपने अंदर मिट्टी की उष्मा, ताजगी या ठंडापन महसूस करते हैं। इससे दिमाग ही नहीं, पूरा तन-मन रिलैक्स होता है।
हमारे पैरों का टचिंग सेंस यानी छूने का अहसास करीब-करीब हाथों जितना ही विकसित होता है। इससे शरीर की सजगता बढ़ती है, जोकि हर रिलैक्सेशन तकनीक का अहम पहलू है।
ढलान पर वॉक
ढलान पर चढ़ने से वर्कलोड बढ़ता है और ज्यादा कैलरी बर्न होती हैं। इसे ज्यादा असरदार बनाने के लिए ऐसी ढलान चुनें, जो खड़ी हों। लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा धीरे-धीरे करें यानी धीरे-धीरे अपनी कैपेसिटी बढ़ाएं और अपना रूट ऐसे प्लान करें कि यह चैलेंजिंग तो हो ही, इसे पूरा करना मुमकिन भी हो।
पावर वॉकिंग
पावर वॉकिंग का मकसद इतनी तेज रफ्तार से वॉक करना होना चाहिए कि चाहें तो फौरन वॉक को दौड़ में तब्दील कर सकें। इससे न सिर्फ आप कैलरी बर्न करते हैं बल्कि मसल्स की ताकत और क्षमता भी बढ़ाते हैं। अगर आप गंभीरता के साथ वॉक करते हैं तो पावर वॉक से उतनी ही कैलरी बर्न हो सकती हैं, जितनी दौड़ से। जब आप फास्ट वॉक करते हैं तो उसे उसी रफ्तार से बनाए रखने के लिए मसल्स को ज्यादा काम करना पड़ता है और ज्यादा कैलरी बर्न होती हैं।
स्ट्रेच करें
वॉकिंग सेशन के दौरान आपने जिन मसल्स का ज्यादा इस्तेमाल किया है, उन्हें अपने सेशन के आखिर में स्ट्रेच करना न भूलें।
पिंडलियों को स्ट्रेच करें
राइट लेग को आगे रखते हुए एक लंबा कदम रखें। लेफ्ट लेग सीधा हो और राइट लेग थोड़ा-सा झुका हुआ। पंजे आगे की ओर हों और लेफ्ट एड़ी जमीन पर। 10 सेकंड तक इसी पोजिशन में रहें। फिर दूसरी ओर से करें।
थाई को आगे से स्ट्रेच करें
सीधा खड़े हों। राइट पंजे को राइट हथेली से पकड़ें। पैर को बट्स के पास ले जाएं। इस दौरान दोनों घुटनों को एक साथ रखें। 10 सेकंड के लिए इसी पोजिशन में रहें। फिर दूसरे पैर से करें।
थाई को पीछे से स्ट्रेच करें
एक पैर को धीरे से उठाएं और थोड़ी ऊंचाई पर रखें। इसके लिए किसी चौकी या छोटे स्टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। कमर से हल्का-सा झुकते हुए कमर तक के हिस्से को आगे की ओर ले जाएं। 10 सेकंड तक इसी पोजिशन में रहें। फिर दूसरी ओर से करें।
(साभार)

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