Sunday, January 27, 2013

हेल्दी बॉडी के लिए करें डिटॉक्सिफिकेशन




वर्कआउट ना करना, प्रॉपर डाइट ना लेना वगैरह ऐसी कई वजहें हैं, जिनके चलते बॉडी में टॉक्सिंस जमा हो जाते हैं। हेल्दी रहने के लिए इनको फ्लश आउट करना जरूरी है। कैसे, जाने यहां :
इन दिनों का लाइफस्टाइल ऐसा है, जिसमें बॉडी कई तरह के विषैले पदार्थों यानी टॉक्सिंस के प्रभाव में आती है। इससे शरीर में सुस्ती रहती है और सिस्टम ढीले पड़ जाते हैं। ऐसे में काम पर भी इफेक्ट पड़ता है। यही वजह है कि बॉडी को रेग्युलर तौर पर डिटॉक्सिफाई करना चाहिए। यानी ऐसी डाइट लेनी चाहिए, जिससे शरीर से ये पदार्थ बाहर निकल जाएं।
क्यों करें डीटॉक्स
जब भी बॉडी में हानिकारक पदार्थ इकट्ठे होते हैं, तब इसके काम करने की क्षमता कम हो जाती है। इससे दिमाग भी थका-थका रहता और पूरी तरह रीलैक्स नहीं हो पाता। बॉडी में टाक्सिंस के जमा होने से और भी कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। मसलन सेल्स में इनके जमा होने से इम्युनिटी सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे जुकाम, खांसी, छींकों के लगातार बने रहने की समस्या हो सकती है। इनसे बचने के लिए डिटॉक्सिफिकेशन तो जरूरी है ही, इसी के साथ डाइट कंट्रोल, एक्सरसाइज, मसाज, रिफलेक्सॉलजी, ब्रीदिंग तकनीक, मेडिटेशन, रिलैक्सेशन वगैरह भी जरूरी है।
क्या होंगे फायदे
डिटॉक्सिफिकेशन स्टैमिना को बढ़ाने का बेहतरीन तरीका है। इससे आप लाइट, फ्री और फ्रेश महसूस करेंगे। इससे होने वाले तमाम फायदों में स्किन व कॉम्प्लेक्शन का अच्छा होना, इम्युनिटी सिस्टम का स्ट्रॉन्ग होना, पाचन क्षमता का बढ़ना, स्टैमिना और एनर्जी लेवल बढ़ना, मेटाबॉलिज्म का इंप्रूव होना वगैरह शुमार हैं। डिटॉक्सिफिकेशन के दौरान दी जाने वाली डाइट से ये हानिकारक पदार्थ व वेस्ट मैटर बाहर निकल जाते हैं और पूरी बॉडी का सिस्टम क्लीन होता है।
इस दौरान सबसे ज्यादा प्रभाव पाचन तंत्र पर पड़ता है, क्योंकि इसे आराम करने का पूरा समय मिलता है। इस प्रोसेस के दौरान फाइबर रिच डाइट मसलन फ्रूट्स, वेजिटेबल और साबुत अनाज ज्यादा खाना चाहिए। लिक्विड में फ्रूट जूस, वेजिटेबिल जूस और सूप ही लें। इस दौरान स्मोकिंग, अल्कोहल, कॉफी और दूसरे स्टिमुलेंट्स से बचकर ही रहें। साथ ही, रेड मीट, फैट्स और शुगर वगैरह से भी परहेज करें।
दो से तीन दिन तक शॉर्ट व हल्की डाइट लें। डिटॉक्सिफिकेशन की साइकल हफ्ते में एक दिन और महीने में तीन दिनों की रखें। अगर इससे लंबे समय की डिटॉक्सिफिकेशन डाइट लेनी हो, तो किसी डाइटीशन की सलाह के अनुसार ही लें।

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