Thursday, April 18, 2013
शादीशुदा जिंदगी के नए फंडे
पुराने नियम-कायदों के मुताबिक आज की शादीशुदा जिंदगी को निभा पाना संभव नहीं। बुद्धिमानी इसी में है कि आप इस बदलाव को समझें और वक्त के साथ चलते हुए पति या पत्नी से अपनी अपेक्षाओं में बदलाव भी लाएं।
झगड़े तो कल सुबह भी निपट जाएंगे
अब तक आपने सभी से यही सलाह सुनी होगी कि अगर पति-पत्नी के बीच किसी बात पर बहस या मन-मुटाव हो जाए तो रात में सोने से पहले आपस में बातचीत कर सुलह कर लें। पर शादीशुदा जिंदगी से जुड़े इस फंडे में बदलाव आ चुका है। रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. गीतांजलि शर्मा के मुताबिक, 'किसी विषय पर पति-पत्नी दोनो की राय एक ही हो, यह जरूरी नहीं है। अगर आप दोनों के बीच किसी बात पर बहस हो गई है, तो उसे निपटाने की जल्दबाजी करने से बेहतर है कि रात को चैन की नींद सोएं। इसका फायदा यह होगा कि आप दोनों को उस मुद्दे पर सोचने के लिए अतिरिक्त वक्त मिल सकेगा और अगली सुबह ठंडे दिमाग से आप उस विषय पर बात कर सकेंगे।Ó
साथ घूमने जाना जरूरी नहीं
आप पति-पत्नी हैं, इसका कतई यह मतलब नहीं है कि आप लोग हमेशा एक साथ ही कहीं घूमने जाएं। आप दोनों का व्यक्तित्व अलग-अलग है और यही वजह है कि आपकी पसंद भी अलग-अलग होगी। संभव है कि कोई ऐसी जगह होगी, जहां घूमने जाने का आपका बहुत ज्यादा मन होगा, पर आपके पति को वह जगह पसंद नहीं होगी। ऐसा ही आपके साथ भी हो सकता है। ऐसी स्थिति में बेहतर है कि आप अपने दोस्तों के साथ अलग-अलग घूमने जाएं।
ज्वॉइंट अकाउंट? जरूरी नहीं
एक नए अध्ययन के मुताबिक अब शादीशुदा जोड़े पारंपरिक ज्वॉइंट बैंक अकाउंट की जगह अपना अलग-अलग बैंक अकाउंट रखना पसंद कर रहे हैं। इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आपको अपने जीवनसाथी पर विश्वास नहीं है, बल्कि यह अपने पैसों पर अपना नियंत्रण बनाए रखने का एक तरीका मात्र है। और अगर आपको पैसे खर्च करना या भरपूर शॉपिंग करना पसंद है तो आपके लिए तो यह और भी फायदे का सौदा है।
अकेले लें शॉपिंग का मजा
महिलाएं अकसर यह शिकायत करती हैं कि उनके पति शॉपिंग के लिए साथ जाने से कतराते हैं। दूसरी ओर पुरुषों को यह बिल्कुल पसंद नहीं होता कि आप एक कुरते की खरीदारी में दो घंटे लगाएं और वो इंतजार करते रहें। शॉपिंग हमेशा उन लोगों के साथ करें, जिन्हें शॉपिंग करना पसंद है। अगर आपके पति को शॉपिंग करना पसंद नहीं है तो अपने दोस्तों के साथ शॉपिंग पर जाएं। शादी के बाद जरूरी नहीं है कि आप अपने पति के पारिवारिक मित्रों के साथ ही कहीं घूमने जाएं। शादी के पहले के दोस्तों का साथ छोडऩा कोई बुद्धिमानी नहीं। अगर आपके दोस्त अलग-अलग होंगे, तो आप दोनों के रिश्ते के लिए भी फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे आपके रिश्ते में ताजगी बनी रहेगी।
अपने लिए वक्त निकालना अच्छा है
अकेले, अपने साथ वक्त बिताना अगर पसंद है तो बिताएं। इस बात को लेकर ग्लानि में न रहें। ऐसा करने का यह मतलब नहीं है कि आप अपनी शादीशुदा जिंदगी या अपने रिश्ते को अनदेखा कर रही हैं। सच्चाई यह है कि अपनी पसंद की जिंदगी जीने से, अपनी पसंद-नापसंद अपनाने से आप अपने रिश्ते से ज्यादा खुश रहेंगी। दूसरी ओर इस बात का भी ध्यान रखें कि अगर आपके पति अपने साथ या दोस्तों के साथ वक्त बिताना चाहते हैं, तो इस बात से आपका मूड खराब नहीं होना चाहिए। उन्हें भी अपनी मर्जी की जिंदगी जीने का मौका दें।
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