Thursday, April 18, 2013
रहें सावधान, आंखों पर दें विशेष ध्यान
गर्मी के मौसम में आप अपनी त्वचा और बालों का तो खास ख्याल रखती हैं, फिर आंखों को इतने समय से क्यों अनदेखा करती आ रही हैं? गर्मी में आपकी आंखों को भी खास देखभाल की जरूरत होती है।
गर्मियां दस्तक दे चुकी हैं। इस मौसम का नाम सुनते ही धूप, बेचैन करने वाली गर्मी, चिपचिपाहट, धूल, मच्छर आदि का नाम दिमाग में आ जाता है। साथ ही कई बीमारियां भी हमें आहत करने के लिए हथियार लेकर खड़ी होती हैं। तपती गर्मी व धूप से शरीर के कई अंगों पर मौसम की मार पड़ती है, जैसे त्वचा, बाल आदि। इस कतार में भला आंखें कैसे पीछे रह सकती हैं? आंखों पर तो गर्मी का बेहद दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है। आंखों की कई बीमारियां जैसे फ्लू, सूजी और थकी लाल आंखें, शुष्क आंखें, कंप्यूटर विजन सिंड्रोम आदि अधिक देखने को मिलती हैं। आंखों का संक्रमण और बीमारियों का कारण कीटाणु और जीवाणु ही होते हैं।
गर्मियों में बढ़ते हुए प्रदूषण तथा कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने की वजह से शुष्क आंखों की परेशानी बढऩे लगती है। इस समस्या के दौरान आंखों में खुजली या जलन होने लगती है। आंखें प्राय: कीचड़ से भर जाया करती हैं। इसी तरह अपने काम के सिलसिले में प्रदूषित क्षेत्रों से प्रतिदिन गुजरने वालों के बीच भी आंखों की एलर्जी की समस्या और शुष्क आंखों के लक्षण आम हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों की वजह से आंखों की समस्याएं और बढ़ जाती हैं। आंसू जो आंखों को तरल रखते हैं, वे जल, वसायुक्त तेल, प्रोटीन, इलेक्ट्रोलाइट तथा बैक्टीरिया से मुकाबला करने वाले तत्वों का मिश्रण होते हैं। वातावरण का प्रदूषण आंसुओं की इस कोमल परत को नुकसान पहुंचाता है, जिसके परिणामस्वरूप वह बहुत ही असंतुलित हो जाती है। यह असंतुलन आंखों की समस्याओं का मुख्य कारण होता है। गर्मी के मौसम में आंखों को अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है।
आंखों से जुड़ी आम परेशानियां
कंजक्टिवाइटिस गर्मियों में आंखों से जुड़ी सबसे आम बीमारी है, इसके दौरान आंखें सूज जाती हैं। इनमें बराबर दर्द बना रहता है और आंखों से पानी आता रहता है। आंखों की यह बीमारी बहुत तेजी से आसपास के लोगों तक पहुंच जाती है। एक दूसरे को छूने, आंखों में देखने से ही यह संक्रमण किसी दूसरे को हो सकता है।
मोतियाबिंद भी गर्मियों में अक्सर लोगों को परेशान करता है। इसीलिए कहीं आप भी ऐसी किसी बीमारी की चपेट में आएं, इससे पहले ही आप अपना और आंखों का ख्याल रखें। यदि हम कुछ बातों पर विशेष ध्यान दें तो इन सब समस्याओं को दूर कर सकते हैं। आंखों के किसी भी संक्रमण से प्रभावित होने के बाद साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। आंखों को बार-बार हाथ से न छुएं और न ही रगड़ें। बार-बार हाथ धोएं। काला चश्मा पहन कर रखें। अपना चश्मा किसी और को पहनने के लिए न दें। पीडित द्वारा इस्तेमाल की हुई किसी भी चीज को अपने संपर्क में न लाएं।
देखभाल
ताकि आंखें रहें सलामत
कड़कड़ाती धूप में अल्ट्रावायलट किरणें आपकी आंखों पर सीधे तौर से प्रहार करती हैं। इसीलिए धूप में जाते समय छतरी का उपयोग करें और आंखों पर बड़ा धूप का चश्मा लगाएं, जिससे आपकी आंखों का बचाव हो सके। धूप में ही नहीं, बल्कि बादलों के मौसम में भी चश्मा लगाकर ही बाहर निकलें।
अगर आप पावर लेंस लगाती हैं तो भी आपको सनग्लास पहनने चाहिए, ताकि अल्ट्रावायलट किरणें आपकी
आंखों को नुकसान न पहुंचा सकें। हमेशा ऐसा सनग्लास पहनें जो कि आपकी आंखों को अल्ट्रावायलट किरणों से बचा सके।
आंखों पर दिन में कई बार ठंडे पानी के छींटे मारें। आंखों पर खीरे के टुकड़े, रुई के फाहे में गुलाब जल डालकर रखें। इससे आंखों को ताजगी मिलेगी।
आंखों के लिए स्वस्थ भोजन और अच्छी नींद दोनों ही बेहद आवश्यक हैं। खाने में हरी सब्जियां जैसे पालक, गाजर, बथुआ, सरसों, अंकुरित अनाज आदि ज्यादा खाएं।
दिन में कम से कम दो लीटर पानी पिएं ताकि आपके शरीर की गंदगी बाहर निकले और नमी बनी रहे, जो कि आंखों के लिए भी जरूरी है।
आंखों में ऐसी दवाइयां डालें, जो कि आंखों को शुष्क होने से रोकें और संक्रमण न पैदा होने दें।
आंखों के आसपास सन्स्क्रीन न लगाएं। इससे आंखों को नुकसान हो सकता है।
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