Wednesday, May 8, 2013

अब अभिशाप नहीं है बांझपन


बांझपन के ज्यादातार मामलों में फैलोपियन ट्यूब के बद हो जाने के कारण गर्भधारण करने में मुश्किल होती है, लेकिन आसान इलाज से इसे दूर भी किया जा सकता है। हालाकि ऐसी दशा में कई बार डॉक्टर टेस्ट ट्यूब बेबी का विकल्प अपनाते हैं, लेकिन इस विकल्प की कुछ सीमाएं हैं। यह तकनीक अपेक्षाकृत महंगी भी है। ऐसी स्थिति में हम ऐसी तकनीक को क्यों न अपनाएं जो न सिर्फ किफायती हो बल्कि भविष्य में सामान्य तरीके से गर्भधारण करने में मददगार भी हो। तो चलिए जानते हैं, उन तकनीकों के बारे में जो बाझपन से छुटकारा दिलाएंगी
 हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी 
 बच्चेदानी के भीतर फैलोपियन ट्यूब दो तरह से खुलती है। इसका एक सिरा सीधे बच्चेदानी के भीतर खुलता है जबकि दूसरा अंडेदानी (ओवरी) के पास खुलता है। कई बार बच्चेदानी के भीतर खुलने वाला भाग बद होता है, इसलिए गर्भधारण नहीं हो पाता है। इस तकनीक में इंडोस्कोपी और गाइड वायर के जरिए बद सिरे को खोल दिया जाता है और समस्या खत्म हो जाती है। फिर बाझपन की समस्या से पीडि़त महिलाएं आसानी से गर्भधारण कर सकती हैं।
 फिमब्रियोप्लास्टी 
 दूसरी तकनीक को हम फिमब्रियोप्लास्टी के नाम से जानते हैं। अंडेदानी(ओवरी) के पास खुलने वाला फैलोपियन ट्यूब का सिरा अपेक्षाकृत चौड़ा होता है। इसे फिम्ब्रियो बोलते हैं। कई बार जाच में पाया जाता है कि फैलोपियन ट्यूब का यह चौड़ा सिरा बद है। आमतौर पर सक्रमण की वजह से यह सिरा बद हो जाता है। लैप्रोस्कोपी की मदद से ही इस बद सिरे को खोल दिया जाता है जिसे फिमब्रियोप्लास्टी कहते हैं। इस मामूली सर्जरी के बाद बाझपन से छुटकारा मिल जाता है।
 ट्यूबोप्लास्टी 
 अक्सर ऐसा होता है कि एक-दो या फिर तीन बच्चों के बाद तमाम दंपति फैमिली प्लानिग के बारे में सोचने लगते हैं। वे तमाम सोच-विचार के बाद डॉक्टर के पास जाते हैं और झट से फैमिली प्लानिग प्रोसीजर अपना लेते हैं। इस प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूब का वह हिस्सा निकाल दिया जाता है जिसकी मदद से गर्भधारण होता है। दूसरी प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूब को बद कर दिया जाता है और गर्भधारण नहीं होता। यह परिवार नियोजन का एक तरीका है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बच्चे पैदा होने के बाद वे जिंदा नहीं रह पाते और ऐसी स्थिति में दंपति पहले ही फैमिली प्लानिग प्रोसीजर करवा लेते हैं। ऐसे में जब दोबारा बच्चे की चाहत होती है तो फैलोपियन ट्यूब के बद हिस्से को दोबारा खोल दिया जाता है या फिर खुले हिस्से को जोड़ दिया जाता है। इस प्रक्रिया को ट्यूबोप्लास्टी कहते हैं।





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