Sunday, April 28, 2013

कैंसर समय से जानकारी ही बचाव


कैंसर एक घातक बीमारी तो है लेकिन जीवनशैली में थोड़ी-सी सावधानी बरती जाए तो इससे दूर भी रहा जा सकता है। अगर इसके लक्षण दिखने भी लगें तो समय रहते जरूरी उपाय करने से इसके बड़े कुप्रभाव से बच सकते हैं। 4 फरवरी को कैंसर दिवस है, तो आइए जानें कि दिल्ली की जीवनशैली में हम खुद को इससे कैसे दूर रखें।
दुनिया में कैंसर की वजह से होने वाली मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सन् 2008 में 76 लाख मौतें कैंसर की वजह से हुईं। यह संख्या कुल मौतों का लगभग 13 फीसदी थी। एक अनुमान के अनुसार सन् 2030 में यह संख्या बढ़ कर एक करोड़ दस लाख हो सकती है। चिंता की बात ये है कि कैंसर महानगरों और दिल्ली जैसी मैट्रो सिटीज में अधिक बढ़ रहा है। 4 फरवरी को कैंसर दिवस है। आइए जानें कि कैंसर क्या है, क्यों होता है, कैसे आप इसके होने के खतरों को कम कर सकते हैं, कैंसर से लडऩे के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए।
क्या आप जानते हैं
भारत में हर साल फेफड़े, पेट, लिवर और ब्रेस्ट कैंसर से सबसे अधिक मौतें होती हैं।
लगभग 30 फीसदी कैंसर से होने वाली मौतें के पीछे ये पांच कारण जिम्मेदार होते हैं- मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू और धूम्रपान का अधिक सेवन, एल्कोहल लेना, फल और सब्जियां काफी कम खाना या न खाना।
यह भी एक तथ्य है कि कैंसर से मरने वालों में महिलाओं का प्रतिशत अधिक है। दिल्ली में गर्भाशय कैंसर से पीडि़त महिलाएं लगभग 10.6 फीसदी है।
भारत में हर साल लगभग दस लाख लोग कैंसर से पीडि़त होते हैं। इतना ही नहीं भारत में सबसे ज्यादा महिलाओं को सर्विकल कैंसर होता है।
एक अनुमान के अनुसार अपने यहां कैंसर के 30 लाख से भी अधिक मरीज हैं।
विश्व में हर साल लगभग 15 लाख महिलाओं की मौत तंबाकू के सेवन से होती है।
भारत में करीब हर सातवें मिनट में एक महिला की मौत का कारण सर्विकल कैंसर है और लगभग एक लाख 32 हजार महिलाएं हर साल सर्विकल कैंसर से पीडि़त होती हैं, जिनमें से लगभग 74 हजार की मौत हर साल होती है।
कैंसर क्या होता है
शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्घि कैंसर है। आमतौर पर कोशिकाओं के बनने-बिगडऩे के दौरान सेल्स की होने वाली अनियंत्रित वृद्घि और उनके विकास से कैंसर की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जब ये कोशिकाएं ऊतकों (टिश्यू) को प्रभावित करती हैं तो स्वस्थ ऊतक संक्रमित होकर पूरे शरीर में फैलने लगते हैं। क्या आप जानते हैं कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है। यह गले में, मुंह में, ब्रेस्ट में और यहां तक की भ्रूण को भी कैंसर हो सकता है।
देश में कैंसर का प्रकोप दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। दरअसल कैंसर का इलाज संभव तो है, लेकिन यदि इसका समय पर पता न लगाया जाए, तो ये मौत का कारण भी बन सकता है। इसलिए डॉक्टरों की यही सलाह होती है कि शुरुआती चरणों में ही इसका पता लगा लिया जाए, तभी इसे बढऩे से रोका जा सकता है।
कारण
कैंसर का कारण कोशिकाओं का अनियंत्रित रूप से बढऩा और उनका विकास होना है। लेकिन कुछ और भी महत्वपूर्ण कारक हैं, जिनसे कैंसर होने की आशंका बढ़ जाती है। इनमें हैं उम्र का बढऩा, धूम्रपान और तंबाकू, शारीरिक निष्क्रियता, आनुवांशिक कारण, असंतुलित खानपान, किसी प्रकार का संक्रमण होना, खराब वातावरण आदि।
लक्षण
सामान्य से अधिक खांसी और खांसी के दौरान रक्त आना
शरीर के किसी हिस्से में रह-रहकर दर्द उठना
शरीर में कहीं गांठ का महसूस होना और सूजन आना
पेशाब या मल के दौरान रक्त आना
मीनोपॉज के बाद ब्लड आना
एनीमिया या लंबे समय तक एसीडिटी की शिकायत
शारीरिक कमजोरी या हीमोग्लोबिन में कमी
वजन अचानक बहुत बढऩा या घटना
ऐसा जख्म जो भरता नहीं
बचाव के उपाय
आहार का खास ध्यान रखें। खाने में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम और आयरन की कमी न होने दें।
चटपटे और तले भोजन से दूर रहें।
वजन नियंत्रित करें
नियमित रूप से सैर, व्यायाम, योग करें
साफ और स्वस्थ रहें
तनाव और डिप्रेशन से बचें
पर्याप्त नींद लें
एल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें।
नुकसान पहुंचाने वाली इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से बचें
अनावश्यक एक्स-रे करवाने से बचें
घर के आसपास साफ-सफाई का खास ध्यान रखें
समय पर वैक्सीन या इंजेक्शन लगवाएं
घर में किए जाने वाले छोटे-छोटे उपाय
हल्दी- औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी के सेवन से कैंसर के होने की आशंका को कम किया जा सकता है। हल्दी को दूध में डालकर पीना बहुत फायदेमंद होता है।
टमाटर- टमाटर में लाइकोपीन नामक पदार्थ बहुत अधिक मात्र में पाया जाता है जो विभिन्न प्रकार के कैंसर को रोकने में ना सिर्फ फायदेमंद है, बल्कि इस पदार्थ से कैंसर के पनपने की आशंका बहुत हद तक खत्म हो जाती है।
ग्रीन टी- ग्रीन टी के सेवन से कैंसर के सेल्स का बनना बंद हो जाता है। 2-3 बार ग्रीन टी के सेवन से शरीर में कैंसर के सेल्स पनपने की आशंका खत्म हो जाती है।
पुदीना और तुलसी- पुदीना और तुलसी में कई तरह के कैंसर निरोधक और पाचक तत्व पाए गए हैं, जो फ्री रेडिकल को नष्ट कर सकते हैं। बबूल और गोखरू के पौधों में भी कैंसर -निरोधक एंजाइम पाए जाते हैं


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