Sunday, April 21, 2013

तनाव से रखे दूर दो पल की खुशी


सेहतमंद जीवन के लिए खुश रहना जरूरी है, लेकिन तनाव भरे शहरी जीवन में हम खुश रहना भी भूल जाते हैं। जब छोटी-छोटी बातें आपके तनाव को छूमंतर कर सकती हैं, तरोताजा कर सकती हैं तो क्यों न खुशी पाने के उपाय खोजें।
अपने अंदर के बच्चे को जगाएं
कहते हैं कि हम कितने भी बड़े हो जाएं, लेकिन हमारे अंदर हमारा बचपन हमेशा सुरक्षित रहता है। वह बचपन, जिसमें हमने ढेर सारी मस्ती की है, तरह-तरह की ऐसी शरारतें की हैं, जिन्हें याद करके हमें आज भी हंसी आती है। तो आज जब आप काम के दबाव में तनाव में आ जाते हैं, उन पलों को याद क्यों नहीं करते? ऐसे पलों में अपने अंदर के उस बच्चे को जगाइए और देखिए कि कैसे आपके चेहरे पर खुद ब खुद मुस्कान की लंबी-लंबी लकीरें उभरने लगती हैं। मुस्कान की ये लकीरें न केवल आपको वर्तमान के तनाव से मुक्त कर देंगी, बल्कि आपके मन को बहुत हल्का भी कर देंगी और आप तरोताजा महसूस करने लगेंगे।
दोस्त बनाएं
हम बचपन से सुनते आए हैं कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। हमें कुछ ऐसे लोग चाहिए होते हैं, जिन पर हम विश्वास करें और उनके साथ अपनी हर तरह की बातें शेयर कर सकें। डिप्रेशन का कारण एकांत भी माना जाता है। तो आप भी क्यों नहीं ऐसे दोस्त बनाते, जिनके साथ आप अपने सुख-दुख बांट सकें। अगर आपको दोस्तों के साथ समय बिताना ज्यादा अच्छा नहीं लगता तो आप सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी दोस्त बना सकते हैं।
व्यायाम करें
जब आप पर काम का बोझ ज्यादा हो तो थोड़ा-सा व्यायाम जरूर करें। डॉक्टर मानते हैं कि व्यायाम आपके दिमाग में एंडोर्फिन्स और अनन्डामाइड नामक कैमिकल्स भेजता है, जो आपके मूड को फ्रैश करने और आपको ताजा महसूस करने में मदद करते हैं। माना जाता है कि व्यायाम आपका आत्मविश्वास भी बढ़ाता है और आत्मसम्मान बढ़ाने में भी सहयोग करता है।
कॉमेडी फिल्म देखें
आज हमारे ऊपर काम का बोझ कुछ ज्यादा ही रहता है। यही वजह है कि हम छोटी-से-छोटी बात पर भी एकदम डिप्रेशन में चले जाते हैं। लेकिन एक शोध में कहा गया है कि हंसना हमारी केलोरीज को खत्म करने और दिल को स्वस्थ रखने में हमारी मदद करता है। हमें हंसने का मौका देने में हास्य फिल्मों के महत्व को हम बिल्कुल भी नकार नहीं सकते। अगली बार जब भी आप डिप्रेस्ड महसूस कर रहे हों, कॉमेडी फिल्म देखें।
अच्छा खाएं
एक पुरानी कहावत है कि अच्छा खाएं, स्वस्थ रहें। लेकिन आज के समय में तो हम जंक फूड्स पर निर्भर होते जा रहे हैं। इस कारण हम अक्सर बीमार भी होते रहते हैं। तो जरा सोचिए कि अगर स्वस्थ ही नहीं रहेंगे तो खुशी कहां से आएगी? इसलिए पौष्टिक खाना खाएं और जंक से परहेज करें। शोध में यह बात सामने आई है कि आपकी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्र कम हो जाए तो भी डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं और आपके अंदर नकारात्मक सोच बढऩे लगती है। दूसरी तरफ फिनलैंड के कुओपियो विश्वविद्यालय के एक शोध में यह पाया गया है कि विटामिन बी की कमी भी आपको डिप्रेशन का शिकार बनाती है, इसलिए हमेशा अच्छा खाना खाने की ही कोशिश करें।
परोपकार भावना रखें
आज हमारे काम पर हमारा स्वार्थ हावी होता जा रहा है। इस कारण हम जो काम करते हैं, उसके बदले में कुछ उम्मीद करते हैं। यह उम्मीद पूरी नहीं होती है तो हम डिप्रेशन की स्थिति में आ जाते हैं। हम उस कहावत को भी भूल जाते हैं कि नेकी कर, दरिया में डाल। तो आप क्यों न परोपकार की भावना से भी कुछ काम करते! खुशी चाहिए तो परोपकार की भावना से भी काम करें।
अच्छी नींद लें, आराम करें
काम के दबाव के चलते हम ठीक से आराम भी नहीं कर पाते। इससे हमें नींद न आने की शिकायत रहने लगी है। ऐसे में आप कुछ समय बाद चिड़चिड़े होने लगेंगे और तनाव बढऩे लगेगा। इससे बचने के लिए आप अपने काम का समय तय करें और सही समय पर पूरी नींद लें।
सुबह सैर है जरूरी
शोध कहते हैं कि विटामिन डी की कमी से मूड खराब हो सकता है और हम डिप्रेशन में आ सकते हैं। विटामिन डी खाने में तो पाया ही जाता है, सुबह की धूप में यह सबसे अधिक मिलता है। अपने शरीर में विटामिन डी की मात्र ठीक रखने के लिए सुबह की धूप में 10 से 15 मिनट टहलने का नियम बनाएं।
अपने शौक पूरे करें 
कहते हैं कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। जब आप खाली बैठे होते हैं तो आपके दिमाग में तरह-तरह के ख्याल आते हैं। उनके बारे में सोच कर आपका मूड खराब हो जाता है और आप डिप्रेशन के शिकार होते हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप कोई हॉबी क्लास ज्वॉइन कर लें। ऐसा करने से आप गलत खयालों से भी बचे रहेंगे और आपकी दबी हुई प्रतिभा भी उभरेगी।
आगे की सोचें
अगर आप डिप्रेस्ड महसूस कर रहे हैं तो अपने किसी भी सपने को साकार करने के लिए आगे की योजना बना लें। ऐसा करने से आपका ध्यान अपने आप उस लक्ष्य को साकार करने की तरफ चला जाएगा और उस दिशा में कदम बढ़ाते हुए आप खुशी महसूस करेंगे। सहयोग करने वाले व्यक्ति के प्रति मन में शक रखना कि वह किसी स्वार्थ की वजह से आपकी सहायता कर रहा है, डिप्रेशन का कारण बन सकता है। अपनी सोच को हमेशा सकारात्मक रखें।





No comments:

Post a Comment