Sunday, April 21, 2013

कैसे पकाती हैं आप अपना खाना?


खाना आप बनाती तो स्वादिष्ट हैं, पर कहीं ऐसा तो नहीं कि पकाने की गलत विधि के कारण आप सारे पोषक तत्वों को नष्ट कर देती हों। सिर्फ खाना पकाना ही नहीं, उसे सही तरीके से पकाना भी जरूरी है ताकि पोषक तत्व बर्बाद न हों।
यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम कितनी मात्रा में सब्जियां और फल खाते हैं, उससे भी महत्वपूर्ण है कि इनमें मौजूद विटामिन, मिनरल और दूसरे पोषक तत्व कितनी मात्रा में हमारे शरीर को मिल पाते हैं। यह बहुत कुछ इस पर निर्भर करता है कि हम इन्हें किस तरह से खाते हैं। पकाने से विटामिन और मिनरल की कुछ मात्रा नष्ट हो जाती है। लेकिन पकाना कुछ रसायनों की सक्रियता को खत्म कर देता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण की राह में बाधक बन जाता है।
क्यों जरूरी है पकाना
यह सही है, खाने को हम कितना भी सावधानीपूर्वक पकाएं, उसके 10-15 प्रतिशत तक पोषक तत्व नष्ट हो ही जाते हैं। लेकिन पकाने के फायदे भी हैं, इससे पाचकता सुधरती है और पोषक तत्व उस रूप में परिवर्तित हो जाते हैं, जो आसानी से अवशोषित हो सकें। कुछ खाद्य पदार्थो के लिए पकाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम उन्हें कच्चा नहीं खा सकते।
खाना बनाने की सुरक्षित विधियां 
हम क्या खाते हैं, उससे ज्यादा यह महत्वपूर्ण है कि उसे कैसे खाते व पकाते हैं। खाद्य पदार्थों को दो रूप में खाया जाता है, कच्चा या पकाकर। कई सब्जियों और फलों को कच्चा खाना बहुत लाभदायक है, लेकिन हर चीज को कच्चा नहीं खाया जा सकता, इसलिए हम भोजन को पकाते हैं। खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई मसाले, शक्कर, घी, तेल और दूसरी चीजें डालकर हम उसके पोषक तत्वों को नष्ट कर देते हैं। लेकिन पकाने की कुछ ऐसी विधियां हैं, जिनसे अधिक से अधिक पोषक तत्वों को सुरक्षित रख सकते हैं।
स्टीमिंग यानी भाप में पकाना 
भाप में भोजन को पकाना पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका है। ताजी सब्जियां, चावल और दलिया को जहां तक संभव हो कम पानी में भाप में पकाएं। सब्जियों को प्रेशर कुकर में भाप में पकाना सबसे अच्छा है। इसमें तेल की जरूरत भी कम होती है, समय भी कम लगता है और विटामिन व दूसरे पोषक तत्व भी पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। पकाने के बाद सब्जियों की जितनी रंग और चमक बरकरार रहेगी, उनमें पोषक तत्वों की मात्रा उतनी ही अधिक रहेगी।
ग्रिलिंग 
इस विधि में खाद्य पदार्थों के स्वाद और गुण सुरक्षित रहते हैं। इसमें पकाए जानेवाले खाद्य पदार्थ को ग्रिल के ऊपर रखते हैं, जिसमें नीचे से आंच लगती है।
स्टर फ्राइंग 
इसमें ग्रिलिंग की तरह ही कम घी-तेल का इस्तेमाल होता है। कम तेल के कारण खाद्य पदार्थ पैन में न चिपकें, इसके लिए उसे धीरे-धीरे लगातार हिलाया जाता है या बीच-बीच में थोड़ा पानी छिड़का जाता है। इसमें खाद्य पदार्थों के पोषक तत्वों के साथ ही उनका रंग और फ्लेवर भी सुरक्षित रहता है।
रोस्टिंग
पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिए आंच पर सब्जियों या दूसरी खाने की चीजों को सीधे पकाने की इस विधि से सब्जियां जल्दी और आसानी से पक जाती हैं। इसमें भी घी और तेल का उपयोग कम होता है।
फायदे भी हैं पकाने के 
कच्चे भोजन में बैक्टीरिया होता है, जो पकाने के बाद नष्ट हो जाता है। भोजन पचने लायक बनता है।
पकने के बाद भोजन नरम हो जाता है। यह भोजन को चबाने, निगलने और पचाने में आसान बना देता है।
पकाने से स्वाद बेहतर हो जाता है।
भोजन को लंबे समय तक सुरक्षित रखता है।
किस चीज को कैसे पकाएं
पालक: पालक को काटने से पहले धो लें। ज्यादा देर पकाने से पालक का 64 प्रतिशत विटामिन सी नष्ट हो जाता है। इसलिए पकाते समय इसमें अलग से पानी न डालें, ढक कर 2-3 मिनट से ज्यादा न पकाएं। पालक में आयरन काफी होता है, लेकिन इसमें अक्सेलिक एसिड भी काफी मात्रा में होता है, जो आयरन के अवशोषण को रोकता है।
मांसाहारी खाना: मांस, चिकन व मछली को पकाने के लिए बहुत कम पानी में भाप में गला लें और फिर कम मसालों और तेल में पकाएं। अगर ज्यादा पानी में बना रही हैं तो उस पानी का सूप के रूप में उपयोग करें।
अंडे: अंडे को कभी भी कच्चा न खाएं। उबालकर खाने से आयरन और बायोटिन की उपलब्धता बढ़ जाती है।
चावल: चावल को उबालने के बाद उसका पानी फेंके नहीं। चावल के पानी के साथ करीब 25 प्रतिशत विटामिन बी नष्ट हो जाता है। चावल को कम पानी में भाप में पकाएं। पके हुए चावल बहुत जल्दी संक्रमित हो जाते हैं और दोबारा गर्म करने पर भी नष्ट नहीं होते। बासी चावल कतई न खाएं।
करेला: कड़वा करेला औषधीय गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। भाप में कम मसालों के साथ पका कर खाना इसे पकाने का सबसे कारगर तरीका है। कुछ लोग इसे उबालकर सब्जी बनाते हैं।
भिंडी: धीमी आंच पर भाप में पकाएं, मसालों का कम से कम प्रयोग करें। अगर इसे अधपके रूप में खाया जाए तो इसके पोषक तत्व बरकरार रहेंगे।
साबुत अनाज: साबुत अनाज को रातभर कम पानी में भिगोएं, कम आंच पर भाप में गलाएं और कम तेल-मसालों में पकाएं। इसमें मौजूद फायटिक एसिड जो हमारे लिए हानिकारक है, पकाने से 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है। अंकुरण से भी अनाजों में इसका स्तर कम हो जाता है।
तेल: तेल को ज्यादा देर गर्म न करें, क्योंकि 15 मिनट तक गर्म करने से उसके प्राकृतिक गुण नष्ट होने लगते हैं। इसमें ट्रांस फैटी एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।
इनका भी रखें ख्याल
सब्जियों को पकाने से पहले पानी में न भिगोएं, इससे पोषक तत्व पानी में घुलकर नष्ट हो जाएंगे।
सब्जियों को कम पानी में पकाएं, पानी की मात्रा जितनी कम होगी, उतने ही कम पोषक तत्व इसमें घुलकर नष्ट होंगे।
भोजन को ज्यादा देर न पकाएं। जितनी देर पकाएंगे उसके पोषक तत्व उतने ही ज्यादा नष्ट हो जाएंगे।
हरी पत्तेदार सब्जियों को काटने से पहले धो लें,
क्योंकि इनमें मौजूद विटामिन और मिनरल पानी में घुलनशील होते हैं।
सब्जियों को ढक कर पकाएं, पोषक तत्व सुरक्षित रहेंगे।
रिफाइंड तेल के बजाए सरसों या जैतून के तेल में भोजन बनाएं, इनमें पोषक तत्व संतुलित मात्रा में होते हैं।
मसालों का प्रयोग कम करें।
ताजा भोजन करें। भोजन को बार-बार गर्म न करें।
ताजे और मौसमी फल और सब्जियों का ही उपयोग करें।
सब्जियों को काटकर कभी न धोएं, इससे विटामिन बी और सी नष्ट हो जाते हैं।
फ्रिज में खाद्य पदार्थों को 4 डिग्री सेंटिग्रेड पर रखें, फ्रोजन फूड को -18 डिग्री पर और डिब्बा बंद को सूखे और ठंडे स्थान पर रखें।

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