Saturday, April 20, 2013

दिमाग रहेगा हमेशा जवां


जिस तरह शरीर को पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार मस्तिष्क को भी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, 'स्वस्थ वसाÓ मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है। दिन में तीन बार मेगा मील खाने की बजाए 5 या 6 बार मिनी मील खाएं। इससे रक्त में शुगर का स्तर कम नहीं होता, जो नकारात्मक रूप से मस्तिष्क को प्रभावित करता है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड
ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन करें। यह मानसिक शक्ति बढ़ाता है और अल्जाइमर की आशंका कम करता है। मछलियां जैसे सालमन, टुना, माकेरल, सार्डिन्स और हेरिंग ओमेगा 3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा अंडे, अखरोट, सोयाबीन, कद्दू और फ्लैक्स के बीजों में भी यह भरपूर मात्र में पाया जाता है।
एंटी ऑक्सीडेंट्स
एंटी ऑक्सीडेंट मस्तिष्क की कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाता है। रंग-बिरंगे फल और सब्जियां विशेषकर हरी पत्तेदार सब्जियां एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं। टमाटर, पालक, ब्रोकली, गाजर, लहसुन, साबुत अनाज भी एंटी ऑक्सीडेंट के अच्छे स्रोत हैं। ग्रीन टी में पॉलीफिनल भरपूर मात्र में पाया जाता है, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। ये मस्तिष्क की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल से नष्ट होने से बचाता है। नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन याददाश्त बढ़ाता और मस्तिष्क के बूढ़ा होने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
टायरोसिन प्रोटीन
टायरोसिन प्रोटीन न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण में उपयोगी है, जो न्यूरॉन्स के बीच संकेतों का आदान-प्रदान करते हैं। डेयरी प्रोडक्ट, अंडे और सी फूड में यह भरपूर मात्र में पाया जाता है।
फाइबर
फाइबर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से शुगर के अवशोषण को नियंत्रित करता है और मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऊर्जा की आपूर्ति को नियंत्रित करता है। फाइबर युक्त भोज्य पदार्थो में सब्जियां विशेषकर हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, मेवे, बीज, फल और साबुत अनाज प्रमुख हैं।
शारीरिक रूप से फिट रहें
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम करने से मस्तिष्क में रक्त का संचरण बढ़ता है, जिससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है। नियमित रूप से 30 मिनट पैदल चलना आपको डिमेंशिया से बचाता है। व्यायाम और योग से दिमाग में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे तनाव घटता, मानसिक शक्ति बढ़ती और याददाश्त मजबूत होती है।
ध्यान करें 
मानसिक शांति के लिए प्रतिदिन दस मिनट ध्यान करें। ध्यान सेरिब्रल कोरटेक्स की मोटाई बढ़ाता है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच संपर्को को बढ़ाता है, इससे मस्तिष्क का पैनापन और याददाश्त बढ़ती है।
तनाव न लें
तनाव मस्तिष्क का सबसे बड़ा शत्रु है। लगातार तनाव की स्थिति मस्तिष्क की कोशिकाओं और हिप्पोकैम्पस को नष्ट कर देगी।
भरपूर पानी पिएं
शरीर में पानी की कमी मानसिक क्षमता को कम करती है और याददाश्त को भी कमजोर बनाती है। इसलिए शरीर में पानी की उचित मात्र होना अत्यंत जरूरी है। हमारे मस्तिष्क में सिर्फ न्यूरॉन ही नहीं, न्यूरोट्रांसमीटर भी होते हैं, जो एक मैसेंजर की तरह मस्तिष्क के संकेतों को एक न्यूरॉन से दूसरे न्यूरॉन की ओर ले जाते हैं।




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