Wednesday, April 24, 2013

कैसे करते हैं जानवर खुद की सफाई


तुम जब छोटे थे तो तुम्हारे पैर के नाखून से लेकर सिर तक पूरे शरीर की सफाई मम्मी-पाप करते थे। कुछ कामों में तो वे आज भी तुम्हारी मदद करते हैं। जानवर भी अपने शरीर की सफाई करते हैं। जानते हो कैसे, बता रही हैं पूनम जैन

बिल्ली: कहते हैं कि बिल्ली को अपना गंदा होना पसंद नहीं, इसलिए वह दिन में कई बार खुद को अपनी जीभ से चाटकर साफ करती रहती है। यहां तक कि अपने पंजों के निचले हिस्से को भी वह चाटकर साफ करती है। शरीर को चाट- चाटकर वह अपनी त्वचा के तेल को पूरे शरीर पर मालिश करते हुए फैला लेती है। इतना ही नहीं, पॉटी करने के बाद भी वह उस हिस्से की सफाई जरूर करती है। रेत या मिट्टी को अपने पैर से खोदकर पहले वह एक गड्ढा बनाती है, उसमें पॉटी करने के बाद उसे मिट्टी से ढक देती है। कुछ देर जमीन के बल बैठकर आगे की ओर सरकती है।
कुत्ता: कुत्ते को बिल्ली जितना साफ रहने का शौक नहीं होता, पर वह भी खुद को साफ रखने की पूरी कोशिश करता है। वह बिल्ली की तुलना में कम लचीला होता है, इसलिए अपने पूरे शरीर को वह खुद से साफ नहीं कर पाता। वह भी खुद को साफ करने के लिए जीभ का सहारा लेता है, पर यह तरीका उसके लिए खुद को संक्रमण या खारिश से मुक्त रखने का भी होता है। शरीर के निचले भाग को वह बिल्ली की तरह जमीन पर बैठकर आगे की ओर सरकते हुए साफ करता है। जिन घरों में एक से अधिक डॉगी हैं, वे जानते हैं कि कुत्ते सफाई में  एक-दूसरे की मदद करते हैं। मसलन, खाना खाते ही बड़ा डॉगी बेबी डॉगी के मुंह को चाटकर साफ कर देता है। इसी तरह वे एक-दूसरे के दांत भी साफ करते हैं।
पक्षी:आसमान में उड़ने वाले पक्षी अपने पंखों पर से धूल-मिट्टी और कीटाणु हटाने के लिए धूल में स्नान करते हैं। कुछ देर रेत में हिलने-डुलने के बाद वे अपने पंखों को हिलाते हुए धूल झाड़ते हैं। वे अपने पंखों को अपनी चोंच से भी साफ करते हैं।
खरगोश: खरगोश अपनी व एक दूसरे की सफाई अपनी जीभ से करते हैं। वे समय-समय पर अपने बालों को चाटते रहते हैं। वहीं ऐसी जगह जहां उनकी जीभ नहीं जाती, जैसे कि माथा, उसकी सफाई के लिए पहले वे अपने आगे के पैर के पंजों को चाटते हैं और फिर उस पंजे को कपड़े की तरह इस्तेमाल करते हुए अपना माथा साफ करते हैं। कई बार इसी तरह वे अपने कान भी साफ करते हैं, पर कई बार वे कानों को थोड़ा नीचे की ओर ले जाते हैं, जिससे जीभ से भी वे उनकी सफाई कर पाते हैं। पैरों के पंजों के नाखून से वे कानों के भीतर जमी हुई गंदगी को भी हटा लेते हैं। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि वे कानों में से निकले ईयरवैक्स, जिसे हम मैल कह देते हैं, उसे खा लेते हैं। उनके लिए यह विटामिन डी का काम करता है।
हाथी: हाथी, गेड़ा व अन्य स्तनपायी जानवर मिट्टी और कीचड़ में लिपटकर स्नान करते हैं। उसके बाद उस मिट्टी को झाड़ने पर या जब वह सूखने के बाद झड़ने वाली मिट्टी के साथ उनके शरीर से बेजान त्वचा यानी डेड स्किन भी उतर जाती है। जो जानवर पानी में खड़े हो सकते हैं, वे साफ पानी से भी स्नान करते हैं। इस संबंध में सबसे अधिक फायदा हाथी को होता है। वह सूंड के जरिए अपने पूरे शरीर पर पानी छिड़क लेता है।







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