Tuesday, April 16, 2013

फ्रोजेन शोल्डर: सही खान-पान और व्यायाम है जरूरी


फ्रोजेन शोल्डर या कंघे में अकडऩ आज एक आम समस्या बनती जा रही है। आपाधापी वाली वर्तमान जीवनशैली भी इस तकलीफ का एक प्रमुख कारण है। हालांकि जीवनशैली में बदलाव लाकर और कुछ एहतियाती उपाय अपना कर इस पीड़ादायी समस्या से बचा जा सकता है।
फ्रोजेन शोल्डर या कंधे में अकडऩ की तकलीफ आज आम हो गई है। अगर किसी व्यक्ति के कंधे अकड़ जाते हैं, सही तरह से काम नहीं करते, किसी भी काम को करने में या सामान को उठाने में रोगी को कंधे में बहुत तेज दर्द होता है तो वह फ्रोजेन शोल्डर नामक बीमारी हो सकती है।
इसके कई कारण हो सकते हैं
फ्रोजेन शोल्डर कई कारणों से हो सकता है। तमाम सर्वे के मुताबिक फ्रोजेन शोल्डर वर्किंग क्लास और कंप्यूटर का इस्तेमाल करने वाले लोगों में अधिक पाया जाता है। इसकी वजह काफी समय तक कंधे एक ही स्थिति में रखना, बहुत देर तक एक ही कंधे पर अधिक भार उठाए रखना, कंधे से बहुत ज्यादा काम न लेना, हड्डियों का कमजोर होना आदि हैं। कई बार फ्रोजेन शोल्डर की समस्या कंधे को किसी तरह का आघात और चोट लगने पर भी होने लगती है।
फ्रोजेन शोल्डर के लक्षण
फ्रोजेन शोल्डर के दौरान कंधा बिल्कुल सूज जाता है और अकडऩ के कारण कठोर हो जाता है जिससे हाथ हिलाना बहुत मुश्किल होता है और हिलाने पर तीव्र दर्द होने लगता है।
कंधे को किसी भी दिशा में मोडऩे में रोगी को बहुत दिक्कत होती है।
कंधे का दर्द रोगी की गर्दन और उसके ऊपर के भाग में फैल जाता है।
हाथ की काम करने की गति बहुत धीमी हो जाती है और रात के समय दर्द अधिक परेशान करने लगता है। छोटे-छोटे काम जैसा कंघी करना, बटन बंद करना आदि भी मुश्किल हो जाता है।
हाथ को पीछे की ओर करना होता है तो कंधे में बहुत तेज दर्द होता है।
कई बार फ्रोजन शोल्डर के तहत बहुत ज्यादा सूजन और अचानक तेज दर्द शुरू हो जाता है और कंधे में ऐंठन होने लगती है, जो कई मिनटों या फिर घंटों तक भी रह सकती है। यह समय कई महीनों या सालों तक भी हो सकता है।
फ्रोजेन शोल्डर की आशंकाएं
फ्रोजेन शोल्डर के कारण कई और समस्याएं, जैसे- अवसाद, गर्दन और पीठ दर्द, थकान, काम करने में असमर्थता इत्यादि समस्याएं भी हो सकती हैं। फ्रोजेन शोल्डर से रोगी को मधुमेह, दौरा पडऩा, फेफड़ों का रोग, संयोजी ऊतक विकार और हृदय रोग अधिक होने का डर रहता है। यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक पाई जाती है और 40 साल से कम उम्र के लोगों में अधिक देखने को मिलती है।
क्या है इलाज
फ्रोजेन शोल्डर का इलाज संभव है। इसमें शारीरिक चिकित्सा, औषधि, मालिश चिकित्सा, शल्य-चिकित्सा इत्यादि की जाती है। जो लोग इससे पीडित हैं, उन्हें कई महीनों या अधिक लंबे समय तक काम करने एवं जीवन की सामान्य गतिविधियां करने में अत्यधिक कठिनाई होने की आशंका रहती है।
सावधानी और रोकथाम
इस दौरान कंधों का हल्का-फुल्काव्यायाम बेहद जरूरी है।
खान-पान का खास ध्यान रखें और ताजा फल-सब्जियां, जूस और पौष्टिक आहार का सेवन जरूरी है।
गर्म पानी से सिंकाई करनी चाहिए।
प्रतिदिन मालिश करना भी बेहतर उपाय है।
रात के समय में कम से कम एक घंटे तक ठंडा लेप कंधे पर करना चाहिए।
फ्रोजेन शोल्डर में यह जरूरी है कि कंधे के दर्द को कम किया जाए और कंधे में मूवमेंट लाई जाए।


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