हमारे इर्दगिर्द ही अनेक पेड-पौधे और उनके फल इत्यादि उपलब्ध हैं जिनका उपयोग कर हम अपने स्वास्थय को बेहतर बना सकते हैं। अब वो दौर आ चुका है जब अंग्रेजी दवाओं के प्रतिकूल प्रभावों को लोग समझने लगे हैं और अपने तमाम रोगों के बेहतर इलाज के लिए प्राकृतिक उत्पादों की तरफ रुझान दिखाने लगे हैं। हिन्दुस्तानी पारंपरिक ज्ञान सदियों पुराना ऐसा खजाना है जिसे अब तक हमने सही तरह से अपनाया नहीं हैं। आदिवासी अंचलों में आज भी लोग अपने परिवेश में पाए जाने वाले पौधों से अपने रोगों का निदान करते है। आईये आज जानते हैं कि आदिवासी और ग्रामीण लोग आज भी नारियल या श्रीफल द्वारा किस तरह अपनी शारीरिक समस्याओं का इलाज करते हैं।
नारियल के संदर्भ में रोचक जानकारियों और परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहें हैं डॉ दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों जैसे पातालकोट (मध्यप्रदेश), डाँग (गुजरात) और अरावली (राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को एकत्रित करने का काम कर रहे हैं और ऐसे विषय जानकार हैं जो अपने विषय को पहले विज्ञान की नजरों से देखते हैं और फिर परंपराओं के नजरिये से....
1. नारियल का प्रयोग लगभग हर भारतीय घर में होता है। नारियल के पत्तों से लेकर तेल तक सब कुछ हमारे लिए बड़ा उपयोगी होता है। नारियल का वनस्पतिक नाम कोकस न्यूसीफेरा है। नारियल का पानी हल्का, प्यास बुझाने वाला, वीर्यवर्धक, अग्निप्रदीपक तथा मूत्र संस्थान के लिए बहुत उपयोगी होता है।
2. नारियल के पानी में दूध से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। माना जाता है कि किसी बीमार व्यक्ति को कच्चे नारियल का पानी पिलाया जाए तो उसमें ऊर्जा का संचार होने लगता है और नारियल रोगों से लडने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता है।
3. बच्चों को कच्चा नारियल खिलाने से उनके पेट के कृमि निकल जाते हैं। आदिवासी हर्बल जानकारों की मानी जाए तो बच्चों को प्रतिदिन दिन में 3 से 4 बार कच्चा नारियल खिलाया जाए, पेट के कीडे मर कर मल द्वारा बाहर निकल आते हैं।
4. ब्लड़ प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए नारियल का पानी बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रोलाइट और पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है जो दिल की गतिविधियों को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करती है।
5. नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से रूसी से छुटकारा मिलता है और बाल स्वस्थ और लंबे होते हैं।नारियल के पानी में खीरे का रस मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से लगाने से चेहरे के दाग मिट जाते हैं या नारियल के तेल में नींबू का रस अथवा ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर लगाने से भी मुहाँसे मिट जाते हैं।
6. दक्षिण भारत में नारियल के तेल का प्रयोग खाना बनाने के लिए किया जाता है। नारियल तेल में पकाया गया भोजन अधिक देर तक ताजा रहता है और पोषक पदार्थों के अवशोषण में मदद करता है।नाक से खून निकलने पर कच्चे नारियल का पानी नियमित रूप से पीना चाहिए। साथ ही खाली पेट नारियल के सेवन से भी रक्त का बहाव रुक जाता है।
7. नारियल का पानी ना केवल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है बल्कि शरीर में मौजूद बहुत से विषाणुओं (वायरस) से भी लड़ाई करता है। नियमित रूप से 50 ग्राम नारियल की गिरी को चबाने से गर्भवती महिला को स्वास्थ्य में तो लाभ होता ही है। साथ ही गर्भस्थ बालक भी गौरवर्ण का एवं हृष्ट-पुष्ट होता है। इसके अलावा नारियल पानी भी गर्भवती महिला के लिए विशेष रूप से लाभदायक माना गया है इससे गर्भवती में होने वाली उल्टी की समस्या में राहत मिलती है।
8. रात के भोजन पश्चात नियमित रूप से आधा गिलास नारियल पानी पीने से पाचन क्रिया में फायदा होता है और अनिद्रा जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
9. पातालकोट मध्यप्रदेश के हर्बल जानकार मानते हैं कि सुबह नियमित रूप से 50 ग्राम नारियल की गिरी को चबाने से गर्भवती महिला को स्वास्थ्य में तो लाभ होता ही है साथ ही गर्भस्थ बालक भी जन्म के बाद गौरवर्ण का एवं हृष्ट-पुष्ट होता है।
10. नारियल तेल की मालिश से मस्तिष्क ठंडा रहता है। गर्मी में लगने वाले दस्तों में एक कप नारियल पानी में पिसा जीरा मिलाकर पिलाने से दस्तों में तुरंत आराम मिलता है।नारियल की गिरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर सेवन करने से स्मृति में वृद्धि होती है। नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।
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